UP-NCR में डीजल ऑटो रिक्शा पर रोक

Sat 22-Nov-2025,07:37 PM IST +05:30

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यूपी-एनसीआर में डीजल ऑटो पर कड़ी कार्रवाई: चरणबद्ध तरीके से बंद होगा संचालन
  • यूपी-एनसीआर में डीजल ऑटो पर चरणबद्ध रोक.

  • गाजियाबाद और नोएडा में ऑटो संचालन बंद.

  • 2025 तक अन्य जिलों में भी लागू होगी बंदी.

Delhi / Delhi :

Delhi / उत्तर प्रदेश सरकार ने वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। एनसीआर के यूपी हिस्से में डीजल ऑटो रिक्शा के संचालन को चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह बंद करने की योजना लागू की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार यह फैसला बढ़ते प्रदूषण स्तर और खराब होती वायु गुणवत्ता को देखते हुए लिया गया है, ताकि प्रदेश में रहने वाले लोगों को स्वच्छ हवा मिल सके।

गाजियाबाद और नोएडा में डीजल ऑटो बंद

अधिकारियों ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद क्षेत्रों में डीजल ऑटो का संचालन पूरी तरह से रोक दिया गया है। इसके साथ ही बागपत में भी इस साल 31 दिसंबर तक डीजल चालित ऑटो रिक्शा पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो जाएगा।

2025 तक बाकी जिलों में भी लागू होगी बंदी

योजना के तहत आने वाले साल के अंत तक मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में भी डीजल ऑटो रिक्शा चरणबद्ध ढंग से बंद किए जाएंगे। मेरठ क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ने प्रतिबंधित ऑटो के लिए नए परमिट जारी करने और पुराने परमिट का नवीनीकरण रोक दिया है, ताकि धीरे-धीरे ये वाहन सड़कों से हट सकें।

व्यापक कार्ययोजना और प्रशासनिक निगरानी

मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सड़क धूल को प्रदूषण का प्रमुख कारण माना गया। इसके आधार पर सड़क खंडों के पुनर्विकास, सफाई व्यवस्था और धूल नियंत्रण पर केंद्रित एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। इस योजना को लागू करने के लिए पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। साथ ही एक परियोजना निगरानी इकाई (PMU) भी गठित की गई है, जिसमें विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

तकनीक की मदद से धूल पर नियंत्रण

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एंटी-स्मॉग गन, पानी के स्प्रिंकलर और मशीनों से सड़क सफाई जैसे कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं। आने वाले समय में इन व्यवस्थाओं को और बड़े स्तर पर लागू किया जाएगा।

सरकार की यह योजना एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा और प्रभावी कदम मानी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस फैसले के लागू होने से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और लाखों लोगों को बेहतर व स्वस्थ वातावरण मिल सकेगा।