NHRC ने विंटर इंटर्नशिप 2025 शुरू की, मानवाधिकार में युवाओं की भूमिका सशक्त
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NHRC विंटर इंटर्नशिप 2025 का उद्देश्य युवाओं में मानवाधिकार, संवैधानिक मूल्य और सामाजिक जिम्मेदारी की व्यावहारिक समझ विकसित करना है।
19 राज्यों के 80 चयनित छात्र विशेषज्ञ सत्र, शोध परियोजनाओं और प्रतियोगिताओं के माध्यम से मानवाधिकार मुद्दों पर गहन अध्ययन करेंगे।
कार्यक्रम युवाओं को सहानुभूति, करुणा और न्यायपूर्ण समाज निर्माण के लिए प्रेरित करने वाला एक अनूठा इन-पर्सन मंच है।
New Delhi/ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने अपने चार-सप्ताह के इन-पर्सन विंटर इंटर्नशिप प्रोग्राम (WIP)-2025 की औपचारिक शुरुआत कर दी है। यह कार्यक्रम 15 दिसंबर 2025 से 9 जनवरी 2026 तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। इस प्रतिष्ठित इंटर्नशिप में देश के 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से चयनित 80 विश्वविद्यालय स्तरीय छात्र भाग ले रहे हैं, जिन्हें कुल 1,485 आवेदकों में से चुना गया है।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन ने कहा कि यह इंटर्नशिप भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में मानवाधिकार शिक्षा के लिए एक अनूठा और अग्रणी इन-पर्सन मंच है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल सैद्धांतिक ज्ञान देना नहीं, बल्कि मानवाधिकारों से जुड़े मूल्यों को व्यवहारिक जीवन में उतारने की प्रेरणा देना है। उन्होंने इंटर्न से आग्रह किया कि वे इन मूल्यों को अपने घर, कार्यस्थल और समाज में अपनाकर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
एनएचआरसी के महासचिव श्री भरत लाल ने अपने मुख्य भाषण में मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन में युवाओं की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सहानुभूति, करुणा और संवैधानिक मूल्यों की समझ ही एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज की आधारशिला है। उन्होंने इंटर्न से इस इंटर्नशिप को अपने दृष्टिकोण के विस्तार और सामाजिक जिम्मेदारी के विकास का अवसर बनाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए एनएचआरसी की संयुक्त सचिव श्रीमती सैडिंगपुई छाखछुआक ने बताया कि इंटर्नशिप के दौरान विषय विशेषज्ञों के साथ संवाद सत्र, ग्रुप रिसर्च प्रोजेक्ट, बुक रिव्यू और भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इन गतिविधियों का उद्देश्य प्रतिभागियों की मानवाधिकार संबंधी समझ को गहराई देना और समाधान-आधारित सोच को प्रोत्साहित करना है।
कार्यक्रम के अंत में एनएचआरसी के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। यह इंटर्नशिप युवाओं को मानवाधिकारों के क्षेत्र में जागरूक, संवेदनशील और उत्तरदायी नागरिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।