जन औषधि योजना का विस्तार: देश में 17,610 केंद्र, 2027 तक 25,000 का लक्ष्य

Tue 16-Dec-2025,05:26 PM IST +05:30

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जन औषधि योजना का विस्तार: देश में 17,610 केंद्र, 2027 तक 25,000 का लक्ष्य
  • प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना के तहत 2014 से 2025 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या 80 से बढ़कर 17,610 हुई।

  • सरकार का लक्ष्य मार्च 2027 तक देशभर में 25,000 जन औषधि केंद्र खोलकर सस्ती दवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना है।

Delhi / Delhi :

Delhi/ प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) देश के नागरिकों को सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल बनकर उभरी है। इस योजना का उद्देश्य आम लोगों के इलाज पर होने वाले खर्च को कम करना और गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करना है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 30 नवंबर 2025 तक देशभर में कुल 17,610 जन औषधि केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि वर्ष 2014 में इनकी संख्या मात्र 80 थी।

सरकार ने जनऔषधि योजना की पहुंच को और विस्तार देने के लिए मार्च 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। बीते वर्षों में योजना के प्रति लोगों की जागरूकता और विश्वास में लगातार वृद्धि हुई है, जिसका सीधा असर बिक्री और उत्पादों की रेंज में देखने को मिला है। वर्तमान में जन औषधि केंद्रों पर सैकड़ों प्रकार की जेनेरिक दवाएं उपलब्ध हैं, जो ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50–80 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं।

योजना की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले वित्तीय वर्ष में जन औषधि केंद्रों की संख्या में 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि योजना के अंतर्गत दवाओं की बिक्री के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इससे न केवल आम नागरिकों को राहत मिली है, बल्कि उद्यमियों के लिए भी जन औषधि केंद्र खोलना एक व्यवहार्य और आकर्षक विकल्प बन गया है।

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए व्यक्तिगत उद्यमी, गैर-सरकारी संगठन, सोसाइटी, ट्रस्ट, फर्म और निजी कंपनियां आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए सरकार की आधिकारिक वेबसाइट janaushadhi.gov.in के माध्यम से देशभर से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में लिखित उत्तर में बताया कि यह योजना सस्ती दवाओं के माध्यम से स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने और देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।