कौन है गैंगस्टर इंद्रजीत यादव? ED की रेड में खुली काली कमाई की परतें
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ED की 10 ठिकानों पर छापेमारी, मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा.
अवैध वसूली और जबरन सेटलमेंट से करोड़ों की कमाई.
UAE से ऑपरेट हो रहा था गैंगस्टर का नेटवर्क.
Delhi / हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर इंद्रजीत सिंह यादव के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी और निर्णायक कार्रवाई की है। दिल्ली, गुरुग्राम और रोहतक में एक साथ 10 ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा किया गया है। इस कार्रवाई में अवैध वसूली, जबरन सेटलमेंट, कॉरपोरेट फंडिंग और विदेशी कनेक्शन जैसे गंभीर पहलू सामने आए हैं।
15 से ज्यादा FIR के आधार पर शुरू हुई जांच
ED की यह जांच हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज 15 से अधिक FIR और चार्जशीट के आधार पर शुरू की गई। इन मामलों में आर्म्स एक्ट, भारतीय न्याय संहिता (BNS) और IPC की गंभीर धाराएं शामिल हैं। एजेंसी के मुताबिक, इंद्रजीत यादव हत्या, रंगदारी, धोखाधड़ी, जमीन कब्जाने और हिंसक अपराधों में लंबे समय से सक्रिय रहा है और फिलहाल कई मामलों में हरियाणा पुलिस को वांछित है।
UAE से ऑपरेट हो रहा था पूरा क्राइम नेटवर्क
ED की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि इंद्रजीत सिंह यादव भारत से बाहर, खासतौर पर UAE से बैठकर अपना पूरा क्राइम नेटवर्क ऑपरेट कर रहा था। वहीं से धमकी, वसूली और जबरन लोन सेटलमेंट के निर्देश दिए जाते थे। विदेशी ठिकानों से नेटवर्क चलाकर वह खुद को कानून की पकड़ से दूर रखने की कोशिश कर रहा था।
कॉरपोरेट कंपनियों और प्राइवेट फाइनेंसरों का गठजोड़
जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां, जिनमें अपोलो ग्रीन एनर्जी लिमिटेड शामिल है, झज्जर के दीघल इलाके के प्राइवेट फाइनेंसरों से भारी नकद रकम उधार लेती थीं। इसके बदले पोस्ट डेटेड चेक दिए जाते थे। जब लोन को लेकर विवाद होता, तो इंद्रजीत यादव ‘स्ट्रॉन्गमैन’ बनकर सामने आता था। हथियारबंद गुर्गों, लोकल गैंग्स और धमकियों के जरिए जबरन सेटलमेंट करवाए जाते थे।
सैकड़ों करोड़ का कमीशन और शाही जिंदगी
ED का दावा है कि इन जबरन सेटलमेंट सौदों में इंद्रजीत को सैकड़ों करोड़ रुपये का कमीशन मिलता था। इसी काली कमाई से उसने महंगी प्रॉपर्टी खरीदी, लग्जरी कारों का काफिला खड़ा किया और शाही जीवनशैली अपनाई, जबकि इनकम टैक्स रिकॉर्ड में बेहद कम आय दिखाई गई। इस पैसे को कंपनियों, फर्जी लेनदेन और मनी ट्रेल के जरिए सफेद करने की साजिश रची गई।
छापेमारी में क्या-क्या बरामद हुआ
ED की छापेमारी के दौरान 5 लग्जरी कारें, 17 लाख रुपये नकद, बैंक लॉकर, कई अहम दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और डेटा जब्त किया गया है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इंद्रजीत ने एक खास वेबसाइट और पोर्टल बनवाया था, जिसके जरिए कॉरपोरेट कंपनियों और प्राइवेट फाइनेंसरों के बीच लोन सेटलमेंट का पूरा खेल संचालित होता था।
रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई संपत्तियां
एजेंसी को यह भी पता चला है कि अपराध की कमाई से बनी कई चल-अचल संपत्तियां इंद्रजीत और उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदी गईं। हरियाणा से लेकर विदेश तक फैली इन संपत्तियों की अब गहराई से जांच की जा रही है।
पुराने गैंग कनेक्शन और हाई-प्रोफाइल नाम
इंद्रजीत यादव का नाम हिमांशु भाऊ गैंग से भी जुड़ा रहा है। एल्विश यादव के घर पर फायरिंग की जिम्मेदारी लेने वाले मामलों, रोहतक में फाइनेंसर मंजीत की हत्या और राहुल फाजिलपुरिया पर हमले से जुड़े मामलों में भी उसका नाम सामने आ चुका है। इसके अलावा कई सेलिब्रिटीज, नेताओं और प्रभावशाली लोगों के साथ उसकी तस्वीरें भी जांच के दायरे में हैं।
आगे और बड़ी कार्रवाई संभव
फिलहाल ED पूरे नेटवर्क, विदेशी कनेक्शन और मनी ट्रेल की बारीकी से जांच कर रही है। एजेंसी का संकेत है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे, कुर्की और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। यह कार्रवाई संगठित अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक बड़ा कदम मानी जा रही है।