नवंबर 2025 में 231 करोड़ आधार प्रमाणीकरण, फेस ऑथेंटिकेशन और ई-केवाईसी में रिकॉर्ड वृद्धि

Tue 02-Dec-2025,06:19 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

नवंबर 2025 में 231 करोड़ आधार प्रमाणीकरण, फेस ऑथेंटिकेशन और ई-केवाईसी में रिकॉर्ड वृद्धि
  • नवंबर 2025 में 231 करोड़ आधार प्रमाणीकरण लेनदेन दर्ज, जो 8.5% वृद्धि के साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था और ई-गवर्नेंस की प्रगति को मजबूत संकेत देता है।

  • 28.29 करोड़ फेस प्रमाणीकरण लेनदेन और 60% डिजिटल जीवन प्रमाणपत्रों में उपयोग, सुरक्षित एवं सरल पहचान सत्यापन की तेज स्वीकार्यता दर्शाता है।

  • ई-केवाईसी लेनदेन नवंबर 2025 में 47.19 करोड़ पर पहुँचे, जिससे बैंकिंग व वित्तीय सेवाओं में सुविधा और व्यापारिक सुगमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

Delhi / New Delhi :

Delhi/ नवंबर 2025 आधार प्रमाणीकरण सिस्टम के लिए अब तक का सबसे बड़ा महीना साबित हुआ है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस माह 231 करोड़ आधार प्रमाणीकरण लेनदेन दर्ज किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.5 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाते हैं। यह न केवल आधार के बढ़ते उपयोग को साबित करता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था और ई-गवर्नेंस सेवाएं तेजी से मजबूत हो रही हैं। अक्टूबर 2025 में प्रमाणीकरण लेनदेन 219.51 करोड़ थे, जिससे पता चलता है कि लगातार बढ़ती डिजिटल सेवाएं इस ग्राफ को ऊपर ले जा रही हैं।

प्रमाणीकरण तकनीकों में, फेस ऑथेंटिकेशन की लोकप्रियता विशेष रूप से उल्लेखनीय है। नवंबर के दौरान जारी किए गए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्रों में से लगभग 60 प्रतिशत में फेस प्रमाणीकरण का उपयोग किया गया। यह एआई-आधारित तकनीक एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है और सिर्फ एक फेस स्कैन से सुरक्षित पहचान सत्यापन संभव बनाती है। कुल मिलाकर नवंबर 2025 में 28.29 करोड़ फेस प्रमाणीकरण लेनदेन हुए, जो 2024 के नवंबर में दर्ज 12.04 करोड़ की तुलना में कई गुना वृद्धि हैं।

इसके साथ ही, ई-केवाईसी लेनदेन में भी तेजी से विस्तार जारी है। नवंबर 2025 में 47.19 करोड़ ई-केवाईसी लेनदेन हुए, जो पिछले वर्ष की अवधि की तुलना में 24 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी है। आधार ई-केवाईसी आज बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए सुविधा, पारदर्शिता और तेज सेवा वितरण का प्रमुख साधन बन चुकी है।