कुल्हड़ वाली चाय के फायदे: सेहत, स्वाद और सुरक्षा का देसी संगम
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कुल्हड़ न केवल चाय का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसमें मौजूद प्राकृतिक मिनरल्स शरीर और हड्डियों के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं।
मिट्टी से बने कुल्हड़ में चाय पीने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है और एसिडिटी, अपच व कब्ज जैसी परेशानियों में राहत मिलती है।
Nagpur/ भारत में चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि दिन की शुरुआत और सामाजिक मेलजोल का अहम हिस्सा है। सुबह की पहली चुस्की से लेकर देर रात तक लोग चाय का आनंद लेते हैं। आजकल बाजार में कुल्हड़ वाली चाय का चलन तेजी से बढ़ा है। इसका कारण सिर्फ इसका देसी स्वाद नहीं, बल्कि इससे जुड़े कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। प्लास्टिक या फोम के कप की तुलना में कुल्हड़ न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि शरीर के लिए भी ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।
घातक बीमारियों से बचाव
प्लास्टिक के कप में गर्म चाय पीने से उसमें मौजूद केमिकल्स घुल सकते हैं, जो लंबे समय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। वहीं, मिट्टी से बना कुल्हड़ पूरी तरह प्राकृतिक होता है और इसमें ऐसा कोई जोखिम नहीं रहता।
गैस और एसिडिटी से राहत
कुल्हड़ मिट्टी से बनता है, जिसमें प्राकृतिक रूप से अल्कलाइन गुण होते हैं। ये पेट में बनने वाली गैस, एसिडिटी, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। नियमित रूप से कुल्हड़ में चाय पीने से पाचन तंत्र बेहतर रहता है।
ताज़गी और शुद्ध स्वाद
कुल्हड़ में कोई केमिकल, ग्लेज़िंग या कृत्रिम परत नहीं होती। इसलिए इसमें पी गई चाय का स्वाद ज्यादा शुद्ध, ताज़ा और प्राकृतिक महसूस होता है, जो चाय पीने के अनुभव को खास बना देता है।
इंफेक्शन से सुरक्षा
कुल्हड़ आमतौर पर एक बार उपयोग में लाया जाता है। इससे यह खतरा कम हो जाता है कि कप ठीक से साफ नहीं हुआ हो। वहीं, प्लास्टिक या कांच के कप कई बार ठीक से धोए बिना दोबारा इस्तेमाल कर लिए जाते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
कैल्शियम और मिनरल्स का लाभ
मिट्टी में प्राकृतिक रूप से कैल्शियम और कुछ अन्य सूक्ष्म खनिज होते हैं। कुल्हड़ में चाय पीने से इनका हल्का लाभ शरीर को मिल सकता है, जो हड्डियों की मजबूती में सहायक माना जाता है।
बेहतर डाइजेशन सिस्टम
कुल्हड़ में चाय पीने से पाचन क्रिया संतुलित रहती है। इसके विपरीत, पॉली-स्टिरिन या प्लास्टिक कप में गर्म चाय डालने से हानिकारक तत्व शरीर में जा सकते हैं, जो पेट और आंतों के लिए नुकसानदेह हैं।
कुल मिलाकर, कुल्हड़ वाली चाय स्वाद, सेहत और पर्यावरण-तीनों के लिहाज से एक बेहतर विकल्प बनकर उभरी है।