बिहार IPS तबादला सस्पेंस: प्रमोशन मिला, कुर्सी वही—आदेश का इंतज़ार

Wed 31-Dec-2025,11:50 PM IST +05:30

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बिहार IPS तबादला सस्पेंस: प्रमोशन मिला, कुर्सी वही—आदेश का इंतज़ार Bihar-IPS-Transfer-Update
  • आईपीएस अधिकारियों को प्रमोशन, तबादला टला.

  • गृह मंत्री और प्रशासन के बीच असहमति.

  • नई तैनाती पर अंतिम आदेश का इंतजार.

Bihar / Patna :

Bihar / बिहार की प्रशासनिक गलियारों में इन दिनों आईपीएस अधिकारियों के तबादलों को लेकर खासा हलचल का माहौल है। गृह मंत्री सम्राट चौधरी बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों के तबादले की तैयारी में थे, लेकिन यह प्रक्रिया सियासी और प्रशासनिक टकराव की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। हाल ही में राज्य में दो दर्जन से अधिक आईपीएस अधिकारियों को प्रोन्नति दी गई, जिससे यह उम्मीद जगी थी कि जल्द ही नई तैनातियों की सूची भी सामने आएगी।

प्रमोशन पाने वालों में 22 एसपी स्तर के आईपीएस अधिकारियों को डीआईजी और 8 डीआईजी को आईजी रैंक में पदोन्नत किया गया है। इसके अलावा एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन को डीजी रैंक में प्रोन्नति मिली है। फिलहाल कुंदन कृष्णन एडीजी हेडक्वार्टर के साथ-साथ एडीजी एसटीएफ का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं। प्रमोशन के बाद सामान्य तौर पर इन अधिकारियों को नई जिम्मेदारियों के साथ नई पोस्टिंग दी जानी थी। इसी कड़ी में पुलिस मुख्यालय ने तबादलों की एक सूची तैयार कर गृह विभाग को भेजी थी।

सूत्रों के अनुसार बीते चार दिनों तक यह फाइल कभी गृह मंत्री के पास तो कभी मुख्यमंत्री कार्यालय में विचाराधीन रही। प्रशासनिक स्तर पर लगातार मंथन चलता रहा, लेकिन किसी नतीजे पर सहमति नहीं बन सकी। इस दौरान प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा तेज थी कि किसी भी वक्त बड़ी तबादला सूची जारी हो सकती है। कई अधिकारी अपनी नई तैनाती को लेकर कयास लगाने लगे थे।

हालांकि बुधवार को गृह विभाग की ओर से जो आदेश जारी हुआ, उसने सभी को चौंका दिया। आदेश में सभी अधिकारियों को प्रोन्नति तो दे दी गई, लेकिन उनकी मौजूदा पदस्थापना को ही अपग्रेड कर दिया गया। यानी अधिकारियों को नया पद और रैंक मिल गया, लेकिन उनकी कुर्सी वही पुरानी बनी रही। यह व्यवस्था अगले आदेश तक लागू रहेगी। प्रशासनिक सूत्र इसे अस्थायी और आधा-अधूरा समाधान मान रहे हैं, क्योंकि इससे न तो तबादलों पर अंतिम मुहर लग सकी और न ही नई तैनाती को लेकर कोई स्पष्टता आई।

सूत्रों का यह भी कहना है कि गृह मंत्री कार्यालय से भेजी गई तबादला सूची में बाद के स्तर पर कई बदलाव किए गए, जिसके चलते विभिन्न स्तरों पर सहमति नहीं बन पाई। इसी कारण तबादला आदेश जारी होने से पहले ही पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

अब स्थिति यह है कि प्रमोशन के बाद भी अधिकारी अपनी पुरानी जिम्मेदारियों के साथ काम कर रहे हैं। सभी की नजर अगले आदेश पर टिकी हुई है। सवाल यही है कि क्या सरकार जल्द ही आईपीएस अधिकारियों के तबादलों को लेकर कोई अंतिम फैसला लेगी या फिर फिलहाल “प्रमोशन के साथ पुरानी कुर्सी” वाला फार्मूला ही चलता रहेगा।