रूस में लापता एमबीबीएस छात्र अजीत चौधरी की मौत: 18 दिन बाद नदी किनारे मिला शव
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जमीन बेचकर विदेश भेजा था बेटा, अब लौटा पार्थिव शरीर—परिवार पर दुखों का पहाड़
रूस में लापता अजीत चौधरी का शव 6 नवंबर को नदी किनारे मिला
दोबारा पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार ने मौत की असली वजह जानने की मांग उठाई
जमीन बेचकर विदेश भेजे गए बेटे का शव लौटने से गांव में गहरा शोक
Rajasthan/ रूस में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे राजस्थान में अलवर जिले के कफनवाड़ा गांव के छात्र अजीत चौधरी की मौत ने परिवार और गांव को शोक में डुबो दिया है। रूस में पिछले करीब एक महीने से लापता चल रहे अजीत का शव सोमवार सुबह फ्लाइट से दिल्ली पहुंचा।
बता दें कि दिल्ली से परिजन और पुलिस टीम उसे लेकर अलवर पहुंचे। शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवाया और फिर मेडिकल बोर्ड की निगरानी में दोबारा पोस्टमॉर्टम किया गया। ताकि मौत की वजह स्पष्ट हो सके।
9 अक्टूबर को लापता हुआ था
अजीत बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस तृतीय वर्ष का छात्र था। 19 अक्टूबर को उसने आखिरी बार अपने परिवार से फोन पर बात की थी। अगले ही दिन उसके लापता होने की जानकारी सामने आई।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 20 अक्टूबर को पुलिस में उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई। पुलिस और स्थानीय एजेंसियों ने कई दिनों तक रेस्क्यू अभियान चलाया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
6 नवंबर को मिला शव
करीब 18 दिन बाद 6 नवंबर को रूस में व्हाइट रिवर के किनारे एक शव मिलने की सूचना पुलिस को मिली। वहां मिले कपड़े, जैकेट, जूते और मोबाइल की पहचान के आधार पर पुलिस ने शव को अजीत का बताया। इसके बाद उफा शहर में कानूनी प्रक्रिया और पोस्टमॉर्टम का कार्य पूरा किया गया। गुरुवार को पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट तैयार होने के बाद शुक्रवार रात शव को उफा से मॉस्को भेजा गया और वहां से सोमवार तड़के दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया।
जमीन बेचकर भेजा था बेटा
अजीत के परिवार ने उसे डॉक्टर बनाने के सपने के लिए तीन बीघा जमीन बेचकर पढ़ाई के लिए रूस भेजा था। गांव में आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा परिवार उम्मीदों के सहारे था कि बेटा एमबीबीएस पूरा करके घर की खुशहाली लौटाएगा।
परिजनों ने बताया कि जब उसकी गुमशुदगी की खबर आई तो पूरा परिवार टूट गया। कपड़े और मोबाइल नदी किनारे मिलने के बाद तो उनका हौसला ही खत्म हो गया।
राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका के अध्यक्ष प्रेम भंडारी को अजीत की मां का एक भावुक वीडियो मिला था, जिसमें वह बेटे के शव की जानकारी और उसे भारत लाने की गुहार लगा रही थीं। भंडारी ने तुरंत रूस एंबेसी, यूनिवर्सिटी प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कर प्रक्रिया को तेज कराया। कई स्तरों से समन्वय के बाद अंततः शव भारत लाया जा सका।
गांव में पसरा मातम
कफनवाड़ा गांव में पिछले कई दिनों से लोग अजीत के शव का इंतजार कर रहे थे। आज सुबह जैसे ही उसके पार्थिव शरीर के पहुंचने की खबर आई, गांव में मातम छा गया। घर के बाहर भारी भीड़ जमा है। परिजन बेसुध हैं और बार-बार यही कह रहे हैं कि उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा था, लेकिन लौटकर आया ‘लाडले’ का शव।