जम्मू-कश्मीर पुलिस की बड़ी कामयाबी: पहलगाम आतंकी हमले के मददगार मोहम्मद यूसुफ कटारिया की गिरफ्तारी
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पहलगाम आतंकी हमले में मददगार गिरफ्तार.
लश्कर-ए-तैयबा (TRF) का सक्रिय सदस्य मोहम्मद यूसुफ कटारिया.
पुलिस ने आतंकवाद विरोधी नेटवर्क पर बड़ी चोट पहुंचाई.
Pahalgam / जम्मू-कश्मीर पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सुरक्षाबलों ने उस मददगार को गिरफ्तार कर लिया है जिसने पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को सहयोग और सपोर्ट दिया था। गिरफ्तार आतंकी की पहचान मोहम्मद यूसुफ कटारिया के रूप में हुई है। वह पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मोर्चे द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि कटारिया ने आतंकियों को न सिर्फ लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध कराया बल्कि उनके हमलों की योजना बनाने में भी अहम भूमिका निभाई।
हालांकि जांच के शुरुआती निष्कर्षों के अनुसार, वह सीधे तौर पर बैसरण घाटी हमले में शामिल नहीं था। लेकिन कटारिया आतंकियों को हथियार, राशन और जरूरी सामग्री उपलब्ध कराता रहा। यही कारण है कि उसे इस आतंकी नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कटारिया को कुछ दिन पहले ही एक संयुक्त अभियान के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह कार्रवाई श्रीनगर पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर ब्रिनाल-लामड़ इलाके से की।
मोहम्मद यूसुफ कटारिया कुलगाम जिले के ऊपरी इलाकों में रहने वाले घुमंतु (Nomadic) समुदाय से ताल्लुक रखता है। इस समुदाय की झोपड़ियां पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित होती हैं, जिन्हें आतंकी अक्सर सुरक्षित ठिकानों और मार्गों के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों तक पहुंच बनाने में आतंकियों के लिए ये स्थान बेहद सहायक साबित होते रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि इस गिरफ्तारी तक पहुंचने में रिवर्स इन्वेस्टिगेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया। जांच टीम ने विभिन्न सुरागों का गहन विश्लेषण किया और अंततः कटारिया की गतिविधियों पर नजर रखते हुए उसे ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस गिरफ्तारी को आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता करार दिया है। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से दक्षिण कश्मीर में सक्रिय आतंकी नेटवर्क पर नकेल कसने में मदद मिलेगी और आगे होने वाले आतंकी हमलों की साजिशों को विफल किया जा सकेगा।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम स्थित बैसरण घाटी में हुए एक भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान-स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मोर्चे टीआरएफ ने ली थी। इस घटना के बाद भारतीय सुरक्षाबलों ने ‘ऑपरेशन महादेव’ शुरू किया और कई आतंकियों को मार गिराया।
हमले के तुरंत बाद पहले ही सप्ताह में चार बड़े आतंकवाद रोधी अभियान चलाए गए, जिनका फोकस मुख्य रूप से दक्षिण कश्मीर के शोपियां और पुलवामा इलाकों पर रहा। मई के मध्य में भी दो और बड़े ऑपरेशन किए गए, जिनमें सुरक्षाबलों ने आक्रामक रणनीति अपनाई। इन अभियानों का मकसद न केवल हमले में शामिल आतंकियों का सफाया करना था, बल्कि उनके पूरे सपोर्ट नेटवर्क को भी खत्म करना था।
कटारिया की गिरफ्तारी इसी अभियान का हिस्सा है और यह साफ संकेत देती है कि सुरक्षाबल आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं। इस कार्रवाई से न केवल पहलगाम हमले की जांच को मजबूती मिली है बल्कि भविष्य में आतंकियों को मिलने वाले सहयोगियों पर भी सख्ती से लगाम लगाने का रास्ता साफ हुआ है।