Pahalgam Terror Attack Update | NIA Uncovers Key Revelations and Security Measures
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पहलगाम आतंकी हमले की जांच में एनआईए ने खुलासा किया कि आतंकवादी हमले से पहले बैसरन घाटी और अन्य पर्यटन स्थलों जैसे आरु घाटी और बेताब घाटी में घुसे थे।
अब तक 2500 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 186 अभी हिरासत में हैं, और 80 ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) से पूछताछ की जा रही है।
जांच के दौरान एक आतंकी टूलकिट भी बरामद हुई, जिसमें आतंकवादियों को सामान्य पर्यटकों की तरह घुलने-मिलने की हिदायत दी गई थी, ताकि वे संदेह से बच सकें।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से जांच प्रक्रिया में तेजी आई है और कई अहम खुलासे हुए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की जा रही जांच में यह पता चला है कि हमले से पहले आतंकवादी पहले ही बैसरन घाटी में पहुंच चुके थे और उनका निशाना सिर्फ बैसरन नहीं, बल्कि अन्य तीन प्रमुख पर्यटन स्थल भी थे। इन तीन स्थलों में आरु घाटी, एम्यूजमेंट पार्क और बेताब घाटी शामिल हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकवादियों ने इन जगहों की रेकी की थी, लेकिन यहां सुरक्षा के कड़े इंतजामों के कारण वे अपने हमले को अंजाम नहीं दे सके।
एनआईए के सूत्रों के अनुसार, हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में संदिग्धों के खिलाफ ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां की गई हैं। अब तक 2500 से अधिक संदिग्धों को पकड़ा जा चुका है, जिसमें से 186 लोग अभी भी हिरासत में हैं। एनआईए इनसे पूछताछ कर रही है। साथ ही, ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) की पहचान भी की गई है, जिनसे लगातार पूछताछ जारी है। इन ओवरग्राउंड वर्कर्स से पता चला है कि आतंकी हमले से दो दिन पहले ही आतंकवादी बैसरन घाटी में मौजूद थे। और यह भी पता चला कि आतंकवादी 15 अप्रैल को पहलगाम पहुंचे थे, जो कि हमले से एक हफ्ते पहले का समय था।
एनआईए की जांच के दौरान एक और बड़ा खुलासा हुआ है, जिससे आतंकवादियों के प्रशिक्षण और संचालन के तरीकों का पता चलता है। जांच में एक आतंकी टूलकिट के बारे में भी जानकारी मिली है, जो आतंकवादियों को विभिन्न दिशा-निर्देश प्रदान करती है। इस टूलकिट में आतंकवादियों को बताया जाता है कि वे अपनी यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार के विशेष ध्यान आकर्षित करने से बचें और एक सामान्य पर्यटक की तरह व्यवहार करें। इसमें आतंकवादियों को इस्लामी पहनावे से दूरी बनाए रखने की भी सलाह दी जाती है। उदाहरण के तौर पर, उन्हें पैंट और पैजामे को टखनों से ऊपर नहीं रखने की हिदायत दी जाती है। इसके अलावा, टूलकिट में यह भी कहा गया है कि भारत के विभिन्न शहरों में यात्रा करते समय वहां के रीति-रिवाजों के अनुसार कपड़े पहनें, ताकि वे सामान्य पर्यटकों की तरह नजर आएं और किसी को संदेह न हो।
एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए ओवरग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ में यह भी जानकारी मिली कि 4 OGW ने पाकिस्तानी आतंकियों को बैसरन घाटी और अन्य पर्यटन स्थलों की रेकी करने में मदद की थी। इसके अलावा, जिन संदिग्धों को पकड़ा गया है, उनसे यह पता चला कि आतंकी समूह विभिन्न स्थानों पर हमलों की योजना बना रहे थे, लेकिन सुरक्षा के कड़े इंतजामों के कारण उनके हमले नाकाम हो गए।
इससे यह साफ होता है कि आतंकवादियों ने पहलगाम और उसके आसपास के क्षेत्रों को अपना निशाना बनाया था, लेकिन कड़ी सुरक्षा के कारण उनकी योजना सफल नहीं हो पाई। एनआईए की लगातार जांच और संदिग्धों से पूछताछ के दौरान और भी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आ सकती हैं, जो इस आतंकी घटना को लेकर और भी बड़े खुलासे कर सकती हैं।