जबलपुर में जेल से छूटे दो बांग्लादेशी नागरिक, सीधे हुए डिपोर्ट
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
Two-Illegal-Bangladeshi-Nationals-Deported-from-Jabalpur
जबलपुर में अवैध रूप से रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को सजा पूरी होने के बाद पुलिस ने डिपोर्ट किया
बिना वैध दस्तावेज भारत में प्रवेश करने पर विदेशी अधिनियम के तहत दर्ज हुआ था मामला
1200 किलोमीटर का सफर तय कर बीएसएफ की मदद से बांग्लादेश सीमा पार कराई गई
जबलपुर/ मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में अवैध रूप से रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को उनकी सजा पूरी होने के बाद भारत से वापस उनके देश भेज दिया गया है। ये कार्रवाई कब, कहां, क्यों और कैसे हुई, इसकी पुष्टि पुलिस प्रशासन ने की है। आरोपी बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश कर लंबे समय से जबलपुर में रह रहे थे। पुलिस, न्यायालय और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय से यह पूरी डिपोर्टेशन प्रक्रिया संपन्न हुई।
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में अवैध रूप से रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को उनकी सजा पूरी होने के बाद औपचारिक रूप से बांग्लादेश भेज दिया गया है। पुलिस ने मीनारा बेगम और मोहम्मद मोसूर नामक इन दोनों आरोपियों को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले तक ले जाकर सीमा सुरक्षा बल (BSF) की मदद से बांग्लादेश सीमा पार कराई।
यह मामला वर्ष 2023 का है, जब दोनों आरोपी अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर गुजरात के रास्ते जबलपुर पहुंचे थे। वे गोरखपुर थाना क्षेत्र में स्थित मैदान के आसपास छिपकर रह रहे थे। दिन के समय शहर के विभिन्न हिस्सों में भीख मांगना और रात के समय खुले मैदान में शरण लेना उनकी दिनचर्या थी।
स्थानीय लोगों को उनकी भाषा, रहन-सहन और गतिविधियों पर संदेह हुआ, जिसके बाद मुखबिरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों से पूछताछ की और नागरिकता से जुड़े दस्तावेज मांगे, लेकिन वे कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके। सख्त पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि वे मूल रूप से बांग्लादेश के निवासी हैं और बेहतर जीवन की तलाश में अवैध रूप से भारत आए थे।
इसके बाद गोरखपुर थाना पुलिस ने दोनों के खिलाफ विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14(ए) के तहत मामला दर्ज किया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। निचली अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद दोनों को चार-चार साल की सजा सुनाई थी।
हालांकि, आरोपियों ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की, जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने उनकी सजा घटाकर दो वर्ष कर दी। दिसंबर 2025 में दोनों ने केंद्रीय जेल जबलपुर में अपनी सजा पूरी की।
अपराध अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा के अनुसार, रिहाई के बाद भारत सरकार, गृह विभाग और संबंधित सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय कर डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू की गई। जबलपुर पुलिस की एक विशेष टीम दोनों आरोपियों को सड़क मार्ग से लगभग 1200 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के मालदा लेकर गई। वहां सीमा सुरक्षा बल को सौंपने के बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उन्हें बांग्लादेश भेज दिया गया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अवैध रूप से भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी।