उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने से तबाही, टपकेश्वर महादेव मंदिर जलमग्न
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टपकेश्वर महादेव मंदिर तमसा नदी के उफान से जलमग्न।
SDRF-NDRF ने सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाला।
सहस्त्रधारा और नेशनल हाईवे पर भीषण तबाही।
Dehradur / उत्तराखंड में सोमवार रात हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भीषण तबाही मचा दी है। इस मूसलाधार बारिश के कारण देहरादून की तमसा नदी उफान पर आ गई, जिसके चलते प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गया। मंदिर के पुजारी आचार्य बिपिन जोशी ने बताया कि सुबह लगभग 5 बजे नदी का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ा और पूरा मंदिर परिसर पानी में डूब गया। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति लंबे समय से नहीं देखी गई थी। हालांकि गर्भगृह सुरक्षित है और अभी तक किसी भी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
देहरादून के बाहरी क्षेत्रों में बादल फटने से सहस्त्रधारा इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां भारी मात्रा में मलबा बहकर बाजारों और सड़कों में घुस गया, जिससे कई दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। कुछ होटलों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे पर फन वैली के पास पुल बह जाने से सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी के उफान से हाईवे पर कई वाहन फंस गए।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि मसूरी में एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि देहरादून में दो से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं। स्थिति बिगड़ते ही SDRF और NDRF की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गईं। SDRF ने ऋषिकेश में नदी में फंसे तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला और लगभग 300-400 निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। देहरादून-विकासनगर रोड पर स्थित देव भूमि इंस्टीट्यूट में पानी में फंसे छात्रों को भी बचाया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार हालात पर नज़र बनाए हुए हैं। उन्होंने एक्स (X) पर लिखा कि वे व्यक्तिगत रूप से प्रशासन के संपर्क में हैं और राहत व बचाव कार्य लगातार जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक, मंदिर परिसर में भगवान शंकर का शिवलिंग पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन चारों तरफ मलबा जमा हो गया है। हाल ही में स्थापित की गई भगवान शंकर की पीतल की मूर्ति तेज बहाव में बह गई। इसके अलावा मंदिर तक जाने वाला पुराना पुल भी पूरी तरह जमींदोज हो गया है। बताया गया कि तमसा नदी का जलस्तर सामान्य से करीब 30 फीट ऊपर चला गया था। इस तेज बहाव ने आसपास के कई निर्माण ध्वस्त कर दिए।
गुफा के भीतर भी पानी और मलबा भर जाने से श्रद्धालुओं का मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और नदी-नालों के पास जाने से परहेज करें। पुलिस व प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में लगातार नजर बनाए हुए हैं।