Devi Ahilya University करता है विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान
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Devi Ahilya Vishwavidyalaya
हाल ही में, विश्वविद्यालय ने यह घोषणा की है कि अब यहां ज़्यादातर काम हिन्दी में किया जाएगा।
यह मध्य प्रदेश का पहला राज्य विश्वविद्यालय है जिसे NAAC ने 'ए+' से मान्यता दी है।
डीएवीवी में एडमिशन के लिए संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) देनी होती है।
इंदौर/Devi Ahilya University भारत के मध्यप्रदेश राज्य के इंदौर शहर में स्थित है। यह विश्वविद्यालय 1964 में स्थापित किया गया था और माध्यमिक स्तर से शोध स्तर तक विभिन्न कार्यक्रमों में उच्च शिक्षा का प्रदान करता है।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय विभिन्न क्षेत्रों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रम प्रदान करता है। इसमें कला, वाणिज्य, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, शिक्षा, कानून, फार्मेसी, भूगर्भिकी, प्रबंधन, जनसंख्या अध्ययन और अन्य क्षेत्रों में कार्यक्रम हैं। यह विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देता है।
प्रारंभ में इसका अधिकार क्षेत्र केवल इंदौर जिले तक ही सीमित था। आज विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र में 6 जिले हैं, धार, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर और बड़वानी। 2001 में, विश्वविद्यालय को NAAC द्वारा चार सितारों से सम्मानित किया गया था। 1988 में इस विश्वविद्यालय का नाम बदलकर मालवा की शासक और राजमाता देवी अहिल्या बाई के नाम पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय कर दिया गया। स्थापना के समय विश्वविद्यालय में भौतिकी, गणित और रसायन विज्ञान जैसे विषयों का अध्ययन शामिल था।
यूनिवर्सिटी ने पहली बार 1986 में बीएड और 1969 में एमबीए जैसे कोर्स शुरू किए। आधुनिकता के साथ कदम मिलाते हुए देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने कंप्यूटर पाठ्यक्रम शुरू किया। आज देवी अहिल्या विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है।
अधिक जानकारी के लिए, आप देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं: https://www.dauniv.ac.in/