छिंदवाड़ा में बड़ा सड़क हादसा: साधुओं से भरी बोलेरो कुएं में गिरी, 4 की मौत, 3 घायल
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छिंदवाड़ा में बोलेरो हादसा, चार साधुओं की मौत.
तीन साधु घायल, जिला अस्पताल में इलाज जारी.
सांसद बंटी विवेक साहू ने अस्पताल पहुंचकर की मदद.
Chhindwara / मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में शुक्रवार शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया। बैतूल जिले के बालाजीपुरम से दर्शन कर लौट रहे सात साधुओं की बोलेरो गाड़ी का अचानक टायर फट गया। टायर फटते ही गाड़ी अनियंत्रित होकर टेमनी गांव के पास सड़क किनारे बने एक कच्चे कुएं में जा गिरी। इस हादसे में चार साधुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन साधु गंभीर रूप से घायल हो गए।
बोलेरो में कुल सात लोग सवार थे। हादसे के दौरान तीन साधु—मखंजू गिरी (27), शिवपूजन गिरी (60) और चालक राकेश गिरी (32)—समय रहते वाहन से कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। हालांकि, तीनों गंभीर रूप से घायल हुए और उन्हें तत्काल जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत फिलहाल स्थिर बनी हुई है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। तीन शवों को तुरंत कुएं से बाहर निकाल लिया गया, जबकि चौथे शव को देर रात तक काफी मशक्कत के बाद बाहर लाने की कोशिश जारी रही। डीएसपी आरपी चौबे ने बताया कि बोलेरो का टायर अचानक फटने से गाड़ी अनियंत्रित हो गई और सीधे पानी से भरे कुएं में जा गिरी।
जिला अस्पताल के डॉक्टर विकास सिंह ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि चार साधुओं की मौत हो चुकी है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और तीनों घायलों का इलाज किया जा रहा है।
घायल साधु शिवपूजन गिरी ने रोते हुए बताया कि वे सभी चित्रकूट से आए थे और बालाजीपुरम मंदिर से दर्शन कर लौट रहे थे। उन्होंने कहा, “गाड़ी का टायर अचानक फटा, चालक ने संभालने की कोशिश की लेकिन वाहन कुएं में गिर गया। भगवान की कृपा से मैं और दो साथी बाहर निकल आए, लेकिन चार लोग पानी में डूब गए। इनमें मेरा बेटा कल्लू गिरी भी शामिल था, जो बाहर नहीं निकल पाया।”
इस हादसे की खबर मिलते ही इलाके में मातम पसर गया। जिला प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए। वहीं, छिंदवाड़ा सांसद बंटी विवेक साहू अस्पताल पहुंचे और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टरों से बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने और हर संभव मदद उपलब्ध कराने को कहा।
यह हादसा सड़क सुरक्षा और वाहन रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अचानक टायर फटने की वजह से चार साधुओं की जान चली गई और तीन घायल जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़क किनारे बने खुले कुओं को ढकने और सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोका जा सके।