कानपुर से फैला ‘आई लव मोहम्मद बनाम आई लव महाकाल’ विवाद: देशभर में हिंसा और तनाव
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कानपुर से शुरू हुआ विवाद देशभर में फैला.
आई लव मोहम्मद बनाम आई लव महाकाल पोस्टरबाजी.
नवरात्रि के दौरान गरबा पंडालों तक पहुंचा असर.
Kanpur / यह पूरा विवाद कानपुर से शुरू हुआ और देखते ही देखते देश के कई हिस्सों में फैल गया। 5 सितंबर 2025 को कानपुर में “आई लव मोहम्मद” लिखा एक बोर्ड लगाया गया था। शुरुआत में यह मामूली मामला लग रहा था, लेकिन धीरे-धीरे यह तूल पकड़ता गया और सांप्रदायिक रंग लेने लगा। आरोप है कि इस बोर्ड को लेकर दो समुदाय आमने-सामने आ गए। पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी जैसी घटनाओं ने माहौल को और अधिक बिगाड़ दिया। पुलिस ने तुरंत केस दर्ज किया और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए।
कानपुर में शुरू हुआ यह विवाद अब उत्तर प्रदेश की सीमाओं से बाहर निकलकर देश के कई शहरों तक पहुंच चुका है। उज्जैन, गांधीनगर और मुंबई तक इसकी लहर महसूस की गई। कानपुर के बाद उज्जैन में “आई लव महाकाल” और “आई लव महादेव” के पोस्टर सामने आने लगे। देखते-देखते यह जवाबी मुहिम पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई। गुजरात के गांधीनगर और देहगाम क्षेत्र में तो हालात हिंसक हो गए। नवरात्रि उत्सव के दौरान गरबा पंडालों में आई लव मोहम्मद के नारे लगाए गए, जिसके बाद पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आईं। कई वाहनों के शीशे टूट गए और दो दुकानें जलकर खाक हो गईं। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से हालात पर काबू पाया और अब शांति बनाए रखने का दावा किया जा रहा है।
मुंबई भी इस विवाद से अछूता नहीं रहा। यहां गरबा पंडालों में युवतियां और महिलाएं “आई लव महादेव” लिखे पोस्टर लेकर पहुंचीं। खासतौर पर आरे कॉलोनी में इसका असर साफ दिखा। इसे देखते हुए साफ है कि विवाद सिर्फ धार्मिक नारों तक सीमित नहीं रहा बल्कि यह एक प्रतीकात्मक प्रतिरोध का रूप ले चुका है।
इंदौर में भी यह मामला नवरात्रि पर्व के दौरान चर्चा में आया। शहर के चंदन नगर क्षेत्र में “आई लव मोहम्मद” के बैनर लगाए जाने पर विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति जताई। उनका कहना था कि जब हिंदू समाज का प्रमुख पर्व चल रहा है, तब जानबूझकर ऐसे बैनर हिंदू बहुल इलाकों में लगाए जा रहे हैं ताकि तनाव पैदा हो। वीएचपी की शिकायत पर स्थानीय प्रशासन ने तुरंत बैनर हटवा दिया।
कर्नाटक के देवानगेरे में भी यह विवाद पहुंचा। यहां “आई लव मुहम्मदिया” फ्लेक्स बोर्ड लगाने को लेकर दो समुदायों के बीच बहस शुरू हुई जो जल्द ही पत्थरबाजी तक पहुंच गई। पुलिस अधीक्षक उमा प्रशांत ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और विवादित बैनर हटवा दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोनों पक्षों की शिकायतों पर निष्पक्ष कार्रवाई होगी।
कुल मिलाकर, कानपुर से उठी एक चिंगारी देश के कई हिस्सों में फैल चुकी है। “आई लव मोहम्मद” बनाम “आई लव महाकाल” का विवाद अब कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। प्रशासन और पुलिस लगातार शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के बीच इस तरह के विवाद समाज में गहरी दरार पैदा कर सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे मामलों को समय रहते रोकना बेहद जरूरी है ताकि धार्मिक सद्भाव और सामाजिक एकता बनी रहे।