बिहार में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म, OPD सेवाएं बहाल | JDA को सरकार से लिखित आश्वासन

Fri 19-Sep-2025,12:57 PM IST +05:30

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बिहार में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म, OPD सेवाएं बहाल | JDA को सरकार से लिखित आश्वासन junior doctors strike in Bihar
  • बिहार में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल समाप्त.

  • सरकार से लिखित आश्वासन के बाद डॉक्टर लौटे काम पर.

  • ओपीडी सेवाएं बहाल, मरीजों को राहत.

Bihar / Patna :

Patna / बिहार के मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल आखिरकार समाप्त हो गई है। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH), दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH), नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) और जेएलएन मेडिकल कॉलेज (JLNMCH) समेत राज्य के सभी प्रमुख अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर अब वापस काम पर लौट आए हैं। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA) ने प्रेस लेटर जारी कर बताया कि सरकार और प्रशासन की ओर से उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन दिया गया है। इस आश्वासन के बाद ही डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया और तुरंत सेवाओं में लौट आए। हड़ताल समाप्त होते ही ओपीडी सेवाएं बहाल हो गईं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिली।

लगातार दो दिनों तक चली इस हड़ताल के दौरान अस्पतालों की व्यवस्था पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई थी। इलाज के लिए दूरदराज से आने वाले मरीजों को डॉक्टर न मिलने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई मरीज बिना इलाज कराए ही घर लौटने को मजबूर हो गए थे। वहीं, हड़ताल समाप्त होने के बाद अब अस्पतालों में सामान्य चिकित्सा सेवाएं पटरी पर लौट आई हैं और मरीजों को समय पर इलाज मिलना शुरू हो गया है।

जूनियर डॉक्टरों की चार सूत्रीय मांगों पर सरकार और स्वास्थ्य विभाग के साथ लगभग 48 घंटे चली बैठक में सहमति बनी। डॉक्टरों की मुख्य मांगें थीं—बॉन्ड की अवधि कम की जाए ताकि उन्हें वर्षों तक एक ही जगह काम करने के लिए बाध्य न होना पड़े, जुर्माने की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये से ज़्यादा न रखी जाए, मानदेय समय पर मिले और कार्य करने की स्थिति बेहतर हो। इन सभी मुद्दों पर सरकार की ओर से लिखित भरोसा दिया गया, जिसके बाद एसोसिएशन ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की।

हड़ताल के खत्म होने से अब न केवल मरीजों को राहत मिली है बल्कि अस्पतालों की दिनचर्या भी सामान्य हो गई है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वे मरीजों की सेवा को सर्वोपरि मानते हैं, लेकिन अपनी जायज़ मांगों को लेकर आवाज़ उठाना भी उतना ही आवश्यक था। सरकार से मिले आश्वासन के बाद फिलहाल विवाद खत्म हो गया है और स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर लौट आई हैं।