तमनार हिंसा के बाद जिंदल पावर का बड़ा फैसला, जनसुनवाई आवेदन वापस लिया
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कंपनी ने स्पष्ट किया कि ग्रामीणों की सहमति और विश्वास मिलने तक किसी भी परियोजना प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
8 दिसंबर की जनसुनवाई में ग्रामीणों ने पर्यावरण, जल संसाधन और आजीविका पर प्रभाव का हवाला देते हुए कड़ा विरोध किया था।
छत्तीसगढ़/ छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र में 27 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद जिंदल पावर लिमिटेड ने अहम कदम उठाया है। कंपनी ने अपनी प्रस्तावित परियोजना से जुड़ी जनसुनवाई के लिए दिया गया आवेदन वापस लेने का निर्णय लिया है। इस संबंध में जिंदल पावर ने रायगढ़ कलेक्टर को औपचारिक पत्र भेजकर अपनी मंशा स्पष्ट की है। कंपनी का कहना है कि मौजूदा तनावपूर्ण हालात और स्थानीय विरोध को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
जानकारी के अनुसार, 8 दिसंबर को तमनार क्षेत्र में आयोजित जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने तीखा विरोध दर्ज कराया था। ग्रामीणों का आरोप था कि प्रस्तावित परियोजना से पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा, जल संसाधनों पर दबाव बढ़ेगा और उनके पारंपरिक आजीविका साधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। विरोध के चलते क्षेत्र में लंबे समय से असंतोष और तनाव बना हुआ था।
27 दिसंबर को हुई हिंसक घटनाओं ने हालात को और गंभीर कर दिया। इसके बाद प्रशासनिक स्तर पर भी सतर्कता बढ़ाई गई और कंपनी पर निर्णय को लेकर दबाव बना। इन्हीं परिस्थितियों में जिंदल पावर ने जनसुनवाई प्रक्रिया को फिलहाल रोकने का फैसला किया।
कलेक्टर को भेजे गए पत्र में कंपनी ने कहा है कि जब तक स्थानीय ग्रामीणों का भरोसा और समर्थन नहीं मिलता, तब तक किसी भी तरह की जनसुनवाई आयोजित नहीं की जाएगी। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह संवाद और सहमति के आधार पर ही आगे की प्रक्रिया अपनाना चाहती है।
इस फैसले के बाद ग्रामीणों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। कुछ लोगों ने इसे जनभावनाओं की जीत बताया, जबकि अन्य ने मांग की कि कंपनी परियोजना से जुड़े सभी पहलुओं को पूरी पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक करे। जिला प्रशासन ने कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है और आगे के हर निर्णय में ग्रामीणों की राय को महत्व दिया जाएगा।