"Vice President Jagdeep Dhankhar Resigns | Health Reasons Cited | Political Update 2025
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जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने उनके योगदान की सराहना की।
इस्तीफे के बाद भारतीय राजनीति में नई चर्चाएं तेज।
Delhi / उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मानसून सत्र के पहले दिन अपने पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसे मंगलवार को स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है और वे उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में राष्ट्रपति मुर्मु के सहयोग और बेहतरीन कामकाजी संबंधों के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद का भी धन्यवाद किया और कहा कि कार्यकाल के दौरान उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। संसद के सभी सदस्यों के स्नेह और विश्वास के लिए भी उन्होंने आभार जताया। उनके इस्तीफे के बाद अब उपराष्ट्रपति का पद और राज्यसभा के सभापति का पद रिक्त हो गया है, क्योंकि उपराष्ट्रपति पदेन राज्यसभा के सभापति होते हैं।
अब जब यह पद खाली हो गया है, तो मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही उपसभापति हरिवंश चलाएंगे या राष्ट्रपति किसी अन्य सदस्य को यह जिम्मेदारी सौंप सकती हैं। संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति के निधन, इस्तीफा या अन्य किसी कारण से पद रिक्त होने की स्थिति में छह महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है।
धनखड़ कार्यकाल के दौरान इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। इससे पहले वी.वी. गिरि ने 1969 और आर. वेंकटरमण ने 1987 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था। पूर्व उपराष्ट्रपति कृष्णकांत का कार्यकाल के दौरान निधन हो गया था। दिलचस्प बात यह है कि इस्तीफा देने से एक दिन पहले सोमवार को धनखड़ संसद में सक्रिय नजर आए थे। उन्होंने विपक्ष को संसद को संवाद का मंच बनाने की सलाह दी और जजों के खिलाफ महाभियोग प्रस्तावों की प्रक्रिया पर भी चर्चा की थी।
धनखड़ ने अपने पत्र में लिखा कि डॉक्टरों की सलाह और स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देते हुए वे संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहे हैं। 74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पद संभाला था। पेशे से वकील रहे धनखड़ इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके हैं। वे न्यायपालिका में शुचिता और किसानों के मुद्दों पर मुखर रहे हैं।
उन्होंने अपने पत्र के अंत में लिखा कि भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में उन्हें जो अनुभव और समझ मिली, वह अमूल्य है। देश की तरक्की का गवाह बनना उनके लिए गर्व की बात है और भारत के उज्ज्वल भविष्य को लेकर वे पूरी तरह आश्वस्त हैं। धनखड़ का इस्तीफा भारत की राजनीति में एक अहम मोड़ है और उनके बाद इस पद के लिए नए नामों की चर्चा शुरू हो गई है।