बेंगलुरु कोर्ट ने पीएम मोदी पर नफरत केस खारिज किया

Tue 02-Dec-2025,01:19 AM IST +05:30

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बेंगलुरु कोर्ट ने पीएम मोदी पर नफरत केस खारिज किया
  • बेंगलुरु कोर्ट ने पीएम मोदी के खिलाफ नफरत भाषण शिकायत खारिज की, चुनावी बयान को निर्दोष ठहराया।, राजनाथ सिंह सहित नेताओं पर मामला रद्द, आईपीसी धाराओं में कोई अपराध सिद्ध नहीं हुआ।, लोकसभा चुनाव प्रचार विवाद समाप्त, भाजपा को राहत मिली विपक्ष के आरोपों से।

Karnataka / Bengaluru :

बेंगलुरु/ बेंगलुरु की एक स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ दायर निजी शिकायत को खारिज कर दिया। यह शिकायत मानवाधिकार कार्यकर्ता जियाउर रहमान ने दर्ज की थी, जिसमें लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी के कथित नफरत भरे भाषण पर आरोप लगाए गए थे। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि अप्रैल 2024 में राजनाथ सिंह के रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगों की संपत्ति का पुनर्वितरण मुसलमानों को किया जाएगा। इसे आईपीसी की धारा 153A (समूहों के बीच दुश्मनी फैलाना), 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 505(2) (सार्वजनिक शांति भंग करने वाले बयान) के तहत अपराध बताया गया था।

कोर्ट ने सुनवाई के बाद शिकायत को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया। जज ने कहा कि भाषण चुनावी संदर्भ में था और इसमें कोई आपराधिक इरादा सिद्ध नहीं हुआ। यह फैसला भाजपा के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि चुनावी दौर में कई विपक्षी दलों ने ऐसे बयानों पर सवाल उठाए थे। शिकायतकर्ता ने कोर्ट से पीएम मोदी को समन जारी करने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने प्रारंभिक जांच में ही इसे खारिज कर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला चुनावी भाषणों की स्वतंत्रता को मजबूत करता है, लेकिन नफरत भरे बयानों पर बहस जारी रहेगी।

राजनाथ सिंह का नाम शिकायत में सह-आरोपी के रूप में आया था, क्योंकि भाषण उनकी रैली में दिया गया था। कोर्ट ने दोनों नेताओं को क्लीन चिट देते हुए कहा कि बयान राजनीतिक आलोचना का हिस्सा थे, न कि अपराध। यह मामला चुनाव आयोग की निगरानी में भी रहा था, लेकिन अब कोर्ट के फैसले से मामला समाप्त हो गया। विपक्ष ने इसे न्यायिक पूर्वाग्रह बताया, जबकि भाजपा ने इसे लोकतंत्र की जीत करार दिया। यह घटना भारतीय राजनीति में चुनावी नैतिकता पर नई चर्चा छेड़ रही है।