हिंदी दिवस 2025: राजनाथ सिंह ने हिंदी को राष्ट्रीय एकता की धुरी बताया

Fri 19-Sep-2025,06:39 PM IST +05:30

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हिंदी दिवस 2025: राजनाथ सिंह ने हिंदी को राष्ट्रीय एकता की धुरी बताया रक्षा मंत्री ने विज्ञान, तकनीक और प्रशासन में हिंदी के बढ़ते उपयोग पर जोर देते हुए हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ किया
  • राजनाथ सिंह ने हिंदी को राष्ट्रीय एकता की धुरी बताया

  • विज्ञान, तकनीक और प्रशासन में हिंदी के उपयोग पर जोर

  • रक्षा मंत्रालय में 14-28 सितंबर तक हिंदी पखवाड़ा आयोजन

Delhi / New Delhi :

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने हिंदी को राष्ट्रीय एकता की धुरी बताया जो सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा रही है। हिंदी दिवस पर अपने संदेश में श्री सिंह ने कहा कि “हिंदी दिवस उस सांस्कृतिक शक्ति को नमन करने का अवसर है जिसने हमारे विविध और विशाल राष्ट्र को एक सूत्र में बाँध रखा है। उन्होंने कहा कि रक्षा, विज्ञान, तकनीक, शिक्षा और संस्कृति हर क्षेत्र में हिंदी का बढ़ता उपयोग न केवल प्रशासन को पारदर्शी बनाता है, बल्कि यह आम नागरिक की भागीदारी को भी सुनिश्चित करता है ।

श्री राजनाथ सिंह ने सभी भारतीयों से यह संकल्प लेने का आग्रह किया कि हिंदी और भारतीय भाषाओं को केवल संवाद की भाषा तक सीमित न रखकर, विज्ञान, तकनीक, अनुसंधान और प्रशासनिक कार्यों तक विस्तारित किया जाए। उन्होंने लोगों से हिन्दी को सहज संवाद का माध्यम बनाने और क्षेत्रीय भाषाओं के सरल एवं प्रचलित शब्दों का समुचित उपयोग करने की अपील की। उन्होंने कार्यालयों के सभी कंप्यूटरों में यूनिकोड समर्थित सॉफ़्टवेयर और द्विभाषी कार्य करने की सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर जोर दिया ।

मंत्रालय की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि “राजभाषा कीर्ति पुरस्कार” मंत्रालय के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास और प्रतिबद्धता का परिणाम है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि इस उपलब्धि को आगे बढ़ाते हुए राजभाषा हिंदी को सरकारी कामकाज की प्रमुख भाषा बनाने की दिशा में सतत प्रयास करें। रक्षा मंत्रालय के सभी कार्यालयों में दिनांक 14 सितंबर से 28 सितंबर, 2025 तक हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी तीनों सेनाओं ने जिस अदम्य साहस और समन्वय का परिचय दिया, उसने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उसी प्रकार राजभाषा हिंदी ने संवाद और सहयोग को सरल बनाकर प्रशासनिक तंत्र को एक सूत्र में बाँधने का कार्य किया है।