"वर्षा और टैगोर चित्र-पोस्टकार्ड विमोचन – डाक विभाग की साहित्यिक पहल"
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रवींद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर विशेष पोस्टकार्ड विमोचन
वर्षा और टैगोर की रचनात्मक भावना का भावनात्मक चित्रण
रवींद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर विशेष पोस्टकार्ड विमोचन
हस्तलिखित संवाद की खोई हुई गरिमा को पुनर्जीवित करने और युवाओं में डाक टिकट संग्रह (फिलेटली) के प्रति रुचि जगाने के उद्देश्य से चल रहे "फॉरएवर इन लेटर्स" अभियान के तहत, डाक विभाग ने मानसून के दौरान "वर्षा और टैगोर" विषय पर आधारित विशेष चित्र-पोस्टकार्ड (Picture Postcards) का एक सेट जारी करने का निर्णय लिया है।
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत कला और साहित्य की उस अमर शक्ति की प्रतीक है, जो सीमाओं को पार करती है और लोगों को एक साथ जोड़ती है। उनकी कविताएँ, दर्शन, शिक्षा और संस्कृति में योगदान आज भी हमें प्रेरित करता है और मार्गदर्शन देता है। यह चित्र-पोस्टकार्ड का सेट उस सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाता है, जो वर्षा ऋतु और टैगोर की रचनाओं के बीच गहरे रूप में मौजूद है।
यह विषय टैगोर की रचनाओं में वर्षा से जुड़ी काव्यात्मक कल्पना, स्मृतियों की मधुरता और भावनात्मक गहराई को दर्शाने का प्रयास करता है। यह पहल युवाओं को पत्र लेखन के माध्यम से अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित करेगी और टैगोर की साहित्यिक धरोहर का उत्सव भी मनाएगी।
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि के अवसर पर, पश्चिम बंगाल डाक विभाग कल "वर्षा और टैगोर" विषय पर आधारित आठ चित्र-पोस्टकार्ड का एक विशेष सेट जारी करेगा, जो मानसून पर टैगोर की रचनाओं द्वारा विश्व पर डाले गए गहरे प्रभाव की स्मृति को समर्पित होगा।