उपराष्ट्रपति ने ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ का विमोचन किया, अटलजी को किया नमन

Wed 24-Dec-2025,11:06 AM IST +05:30

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उपराष्ट्रपति ने ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ का विमोचन किया, अटलजी को किया नमन
  • उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ पुस्तक का विमोचन किया।

  • पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में अटलजी के सुशासन, राष्ट्रनिर्माण और परमाणु परीक्षण जैसे ऐतिहासिक निर्णयों को रेखांकित किया गया।

Delhi / New Delhi :

New Delhi/ नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति निवास पर आयोजित एक गरिमामय समारोह में उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी द्वारा लिखित पुस्तक ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ का विमोचन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने लेखक को बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक एक समयोचित और महत्वपूर्ण वैचारिक योगदान है, विशेषकर ऐसे समय में जब देश पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी मना रहा है।

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि स्वयं में एक संस्था थे। उनका संपूर्ण जीवन सिद्धांतों, मूल्यों और राष्ट्रहित के प्रति अडिग प्रतिबद्धता का उदाहरण रहा। उन्होंने कहा कि श्री वाजपेयी का नेतृत्व भारतीय लोकतंत्र के लिए नैतिक मार्गदर्शक बना।

अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए श्री राधाकृष्णन ने बताया कि 12वीं और 13वीं लोकसभा के सदस्य रहते हुए उन्हें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ निकटता से कार्य करने और उनसे सीखने का अवसर मिला। उन्होंने जनसंघ काल की स्मृतियों का उल्लेख करते हुए कोयंबटूर में आयोजित एक विशाल जनसभा को याद किया, जिसने उनके जीवन पर गहरी छाप छोड़ी।

राष्ट्रनिर्माण में अटलजी के योगदान को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों का उल्लेख किया, जिन्हें ऑपरेशन शक्ति के तहत अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भारत के आत्मविश्वास, संप्रभुता और वैश्विक संकल्प का प्रतीक था। अटलजी का नारा “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान” आज भी समग्र राष्ट्रीय विकास की दिशा दिखाता है।

उन्होंने छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड के गठन को अटलजी की दूरदर्शिता का परिणाम बताया। साथ ही जनजातीय कार्य मंत्रालय की स्थापना को समावेशी विकास की सोच का प्रमाण कहा। झारखंड के राज्यपाल के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने इन निर्णयों के दूरगामी सकारात्मक प्रभावों का उल्लेख किया।

कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।