भूपेंद्र यादव ने गाजियाबाद-नोएडा वायु प्रदूषण योजनाओं की समीक्षा, सख्त निर्देश
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केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने गाजियाबाद और नोएडा की शहर-विशिष्ट वायु प्रदूषण नियंत्रण कार्य योजनाओं की गहन समीक्षा कर सख्त अनुपालन निर्देश दिए।
औद्योगिक इकाइयों में OCEMS स्थापना के लिए 31 दिसंबर 2025 की समयसीमा तय, उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश।
स्मार्ट ट्रैफिक, ईवी, अपशिष्ट प्रबंधन, हरियाली और जनभागीदारी को वायु गुणवत्ता सुधार के प्रमुख स्तंभ बताया गया।
Delhi/ केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने गाजियाबाद और नोएडा में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार की गई शहर-विशिष्ट कार्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा हेतु एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए आयोजित समीक्षा बैठकों की श्रृंखला की पहली कड़ी थी, जिसका समापन आने वाले दिनों में राज्य-स्तरीय समीक्षा के साथ किया जाएगा। मंत्री ने स्पष्ट किया कि समीक्षा एक निर्धारित प्रारूप के तहत की जा रही है, ताकि जमीनी स्तर पर प्रगति का वास्तविक आकलन किया जा सके और कार्यान्वयन को और प्रभावी बनाया जा सके।
बैठक के दौरान दोनों शहरों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्य योजनाओं पर अब तक की गई कार्रवाई की विस्तृत प्रस्तुतियां दीं। समीक्षा के प्रमुख मापदंडों में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन, औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदूषण मानकों का अनुपालन, इलेक्ट्रिक वाहनों और चार्जिंग अवसंरचना की स्थिति, सार्वजनिक परिवहन और पार्किंग व्यवस्था को सुदृढ़ करना शामिल रहा।
इसके अतिरिक्त, निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट तथा नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सड़कों का पूर्ण पक्कीकरण, यांत्रिक सड़क सफाई मशीनों की तैनाती, एंटी-स्मॉग गन और वॉटर स्प्रिंकलर के उपयोग, हरित आवरण बढ़ाने और जनभागीदारी आधारित आईईसी गतिविधियों की भी समीक्षा की गई।
श्री यादव ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से शेष औद्योगिक इकाइयों में ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (ओसीईएमएस) की स्थापना की स्थिति पर अद्यतन जानकारी प्राप्त की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि 31 दिसंबर 2025 की समयसीमा का सख्ती से पालन किया जाए और अनुपालन न करने वाली इकाइयों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को शहरी क्षेत्रों के आसपास नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों की पहचान कर त्वरित सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए।
मंत्री ने दिल्ली-एनसीआर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से अनुरोध किया कि शहर कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अपनाए जा रहे मापदंडों को और परिष्कृत किया जाए तथा समग्र प्रगति का संकलन किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को धन के तर्कसंगत आवंटन के लिए उन्नत मानकों की आवश्यकता पर बल दिया।
विशिष्ट सुझाव देते हुए, श्री यादव ने हरियाली बढ़ाने के लिए कम पानी की आवश्यकता वाली स्वदेशी प्रजातियों के रोपण, एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन योजनाओं के निर्माण और शहरी खुले स्थानों के उपयोग हेतु मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण नियंत्रण को एक व्यापक जनभागीदारी आंदोलन बनाना समय की आवश्यकता है।