बिहार विधानसभा अध्यक्ष: डॉ. प्रेम कुमार निर्विरोध चुने गए, गया टाउन से दर्ज की बड़ी जीत
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Prem Kumar Bihar Assembly Speaker
डॉ. प्रेम कुमार निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने गए.
सदन में गीता श्लोक से शुरू हुआ पहला संबोधन.
2025 चुनाव में गया टाउन सीट पर बड़ी जीत.
Bihar / बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर तस्वीर साफ हो गई। भाजपा के वरिष्ठ विधायक डॉ. प्रेम कुमार को सर्वसम्मति और निर्विरोध रूप से बिहार विधानसभा का अगला अध्यक्ष चुना गया। चुनाव की औपचारिक घोषणा होते ही सदन में “हर हर महादेव” और “जय श्री राम” के नारे गूंज उठे।
प्रेम कुमार का पहला संबोधन
विधानसभा अध्यक्ष के रूप में प्रेम कुमार ने अपने संबोधन की शुरुआत भगवद गीता के श्लोक से की। उन्होंने कहा, “आप सभी ने सर्वसहमति से मुझे चुना, इसके लिए मैं आभारी हूं। अध्यक्ष के रूप में मेरा कर्तव्य होगा कि मैं सदन के नियमों का पालन करते हुए सभी सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करूं। हमें यह सुनिश्चित करना है कि विचारों की विविधता के बीच संवाद को बढ़ावा मिले। जनता की सेवा का अवसर हमें मिला है। मेरे लिए सरकार और विपक्ष दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण होंगे।”
मुख्यमंत्री और विपक्ष ने दी बधाई
चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने खुद प्रेम कुमार को अध्यक्ष की कुर्सी तक लेकर उन्हें बधाई दी। सीएम ने पूरे सदन की तरफ से शुभकामनाएं दीं। तेजस्वी यादव ने कहा कि दल और लालू प्रसाद यादव की ओर से भी उन्हें शुभकामनाएं हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए अध्यक्ष सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को साथ लेकर चलेंगे और अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए किसी को निराश नहीं करेंगे।
प्रेम कुमार का राजनीतिक सफर
गया टाउन से लगातार नौ बार जीत चुके डॉ. प्रेम कुमार बिहार की राजनीति में एक मजबूत और भरोसेमंद चेहरा माने जाते हैं। 1990 से लगातार चुनाव जीतना किसी भी नेता के लिए बड़ी उपलब्धि है। 2025 में उन्होंने तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाई। उनका प्रशासनिक अनुभव भी लंबा और प्रभावशाली रहा है, उन्होंने कई अहम विभागों—कृषि, पशुपालन, पर्यटन, सहकारिता, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण—का नेतृत्व किया है।
2025 विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में प्रेम कुमार ने गया टाउन सीट पर कांग्रेस के अखौरी ऑनकार नाथ को 26,423 वोटों के निर्णायक अंतर से हराया। उन्हें कुल 90,878 वोट मिले। इस जीत ने उनकी लोकप्रियता और जनता के भरोसे को और मजबूत किया और उन्हें बिहार विधानसभा के सबसे अनुभवी और प्रतिष्ठित नेताओं में शामिल किया।