सरकार ने संचार साथी ऐप का प्री-इंस्टॉलेशन अनिवार्य नियम हटाया, बढ़ती लोकप्रियता के बाद लिया फैसला

Wed 03-Dec-2025,08:13 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

सरकार ने संचार साथी ऐप का प्री-इंस्टॉलेशन अनिवार्य नियम हटाया, बढ़ती लोकप्रियता के बाद लिया फैसला
  • संचार साथी ऐप की लोकप्रियता बढ़ने के बाद सरकार ने मोबाइल कंपनियों के लिए प्री-इंस्टॉलेशन अनिवार्यता हटाई, अब उपयोगकर्ता स्वेच्छा से ऐप डाउनलोड करेंगे।

     

  • ऐप अब तक 1.4 करोड़ डाउनलोड पार कर चुका है और रोजाना करीब 2,000 साइबर धोखाधड़ी प्रयासों को रोकने में मदद कर रहा है।

     

  • पिछले 24 घंटे में 6 लाख नए रजिस्ट्रेशन, केंद्र सरकार ने कहा ऐप सुरक्षित है और उपयोगकर्ता किसी भी समय इसे अनइंस्टॉल कर सकते हैं।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ भारत सरकार ने साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से लागू की गई संचार साथी ऐप की प्री-इंस्टॉलेशन अनिवार्यता को वापस लेने का निर्णय किया है। यह कदम ऐप की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता और लोगों द्वारा स्वेच्छा से किए जा रहे उपयोग को देखते हुए उठाया गया है। संचार साथी ऐप को लोगों को डिजिटल धोखाधड़ी, स्कैम कॉल्स, स्पैम और साइबर अपराधियों से बचाने के लिए विकसित किया गया था। यह ऐप संदिग्ध नंबरों को पहचानने, अलर्ट देने और साइबर अपराधियों की गतिविधियों की रिपोर्टिंग में मदद करता है। सरकार ने पहले सभी स्मार्टफ़ोन कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे इस ऐप को प्री-इंस्टॉल करके ही फोन बेचें, ताकि देश में बढ़ रहे साइबर अपराध को नियंत्रित किया जा सके।

तेजी से बढ़ रहा उपयोग – 1.4 करोड़ डाउनलोड पार

सरकार के अनुसार, संचार साथी अब तक 1.4 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है। ऐप रोज़ाना करीब 2,000 साइबर धोखाधड़ी प्रयासों को असफल करने में मदद कर रहा है। बीते 24 घंटे में ही 6 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है, जो यह बताता है कि लोग इस ऐप पर भरोसा कर रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐप उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाया गया है और इसका किसी भी अन्य डेटा उपयोग या निगरानी से कोई लेना-देना नहीं है। उपयोगकर्ता इसे अपनी इच्छा से डाउनलोड या अनइंस्टॉल कर सकते हैं।

अनिवार्यता क्यों हटाई गई?

सरकार ने बताया कि ऐप की लोकप्रियता और लोगों द्वारा हो रही स्वैच्छिक डाउनलोडिंग को देखकर अब प्री-इंस्टॉलेशन की जरूरत नहीं रह गई। उद्देश्य था कि यह ऐप देश भर में तेजी से पहुंचे और कम डिजिटल-जागरूक लोगों तक भी इसकी पहुंच हो सके। अब, बड़ी संख्या में लोग इसे स्वयं इंस्टॉल कर रहे हैं, जिससे मजबूरी की आवश्यकता समाप्त हो गई है।

साइबर सुरक्षा में निभा रहा अहम भूमिका

संचार साथी ऐप बढ़ते साइबर अपराधों, फेक कॉल्स, निवेश स्कैम, फर्जी लोन ऐप और सोशल इंजीनियरिंग जैसे खतरों के बीच एक मजबूत डिजिटल सुरक्षा कवच बनकर उभरा है। सरकार ने कहा कि यह ऐप आगे भी साइबर फ्रॉड रोकथाम में बड़ी भूमिका निभाता रहेगा, और इसकी सुविधाओं को और उन्नत बनाया जाएगा।