जबलपुर में साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़, रतलाम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट गिरोह पकड़ा
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जबलपुर-में-साइबर-फ्रॉड-का-भंडाफोड़ (फोटो प्रतिकात्मक AI)
जबलपुर में रतलाम पुलिस ने साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट नेटवर्क का पर्दाफाश किया। बैंक खातों से 1.34 करोड़ के लेन-देन की जांच जारी।
बैंक खाते खरीदकर किए गए 1.34 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन, डिजिटल करेंसी में बदली गई रकम लॉर्डगंज थाना क्षेत्र में जांच तेज, पूछताछ के आधार पर और गिरफ्तारियों की संभावना
जबलपुर/ जबलपुर में हाल ही में उस समय हड़कंप मच गया जब रतलाम पुलिस ने लॉर्डगंज थाना क्षेत्र के जगदीश मंदिर और गड़ा फाटक इलाके में साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट नेटवर्क से जुड़े चार युवकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। बैंक खातों के माध्यम से करोड़ों की ऑनलाइन ठगी के आरोपों पर की गई इस अचानक छापेमारी से इलाके में अफरा-तफरी फैल गई और स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया।
जबलपुर शहर के लॉर्डगंज थाना क्षेत्र में उस समय सनसनी फैल गई जब रतलाम पुलिस ने साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का खुलासा करते हुए चार युवकों को हिरासत में लिया। यह कार्रवाई जगदीश मंदिर और गड़ा फाटक इलाके में की गई, जहां पुलिस की मौजूदगी से लोगों की भीड़ जमा हो गई।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि आरोपी स्थानीय नागरिकों से उनके बैंक खाते खरीदते थे या कमीशन पर लेते थे। इन खातों का उपयोग देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे ऑनलाइन फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट मामलों में किया जा रहा था। जांच एजेंसियों के मुताबिक इन खातों के माध्यम से करीब 1 करोड़ 34 लाख रुपये का संदिग्ध लेन-देन हुआ है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि ठगी से प्राप्त रकम को डिजिटल करेंसी में परिवर्तित किया जाता था, जिससे पैसों की ट्रैकिंग कठिन हो जाए। आरोपियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य डिजिटल डिवाइस जब्त कर लिए गए हैं, जिनमें कई अहम तकनीकी सबूत मिलने की संभावना जताई जा रही है।
रतलाम पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई अभी शुरुआती चरण में है। पूछताछ के दौरान कुछ अन्य स्थानीय लोगों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। संभावना है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और नाम सामने आ सकते हैं।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में डर और चिंता का माहौल है। नागरिकों का कहना है कि शांत माने जाने वाले इलाके में इस तरह का संगठित साइबर अपराध नेटवर्क सक्रिय होना बेहद चौंकाने वाला है। फिलहाल पुलिस और साइबर टीम पूरे नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में जुटी है।