गुजरात के बाजवा-अहमदाबाद रेल सेक्शन पर कवच 4.0 शुरू, रेलवे सुरक्षा को नई मजबूती
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कवच 4.0 SPAD, ओवरस्पीडिंग और टक्कर जैसी स्थितियों को रोकने में सक्षम, SIL-4 प्रमाणित स्वदेशी तकनीक।
ऑप्टिकल फाइबर, RFID और ऑटोमैटिक ब्रेकिंग से लैस सिस्टम, हाई-डेंसिटी भारतीय रेल नेटवर्क के लिए उपयुक्त।
अहमदाबाद/ भारतीय रेलवे ने स्वदेशी सुरक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए गुजरात के बाजवा (वडोदरा) अहमदाबाद सेक्शन पर कवच 4.0 को सफलतापूर्वक शुरू कर दिया है। 96 किलोमीटर लंबे इस महत्वपूर्ण रेल खंड पर अब अत्याधुनिक ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम पूरी तरह कार्यात्मक हो चुका है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा और परिचालन विश्वसनीयता में बड़ा सुधार होगा।
इस परियोजना के अंतर्गत कुल 17 रेलवे स्टेशन शामिल हैं, जहां सुरक्षा के लिए व्यापक तकनीकी ढांचा तैयार किया गया है। इसमें 23 टावर, 20 कवच भवन/हट, 192 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल और 2,872 RFID टैग्स लगाए गए हैं। इस सेक्शन पर कवच से लैस पहली ट्रेन संकल्प फास्ट पैसेंजर (59549/59550) रही, जिसका संचालन WAP-7 लोकोमोटिव और 11 LHB कोचों के साथ किया गया।
कैसे काम करता है कवच 4.0
कवच 4.0 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह सिग्नल पास्ड एट डेंजर (SPAD) जैसी गंभीर परिस्थितियों को स्वतः रोक सके। यह प्रणाली सेक्शनल स्पीड, स्थायी गति प्रतिबंध (PSR) और लूप लाइन की निगरानी करते हुए स्वचालित गति नियंत्रण सुनिश्चित करती है। इसके अलावा, यह ट्रेनों की आमने-सामने और पीछे से टक्कर को रोकने में भी सक्षम है।
इसमें आपातकालीन SOS सुविधा, लेवल क्रॉसिंग पर ऑटोमेटिक व्हिसलिंग, और खतरे की स्थिति में स्वतः ब्रेक लगाने जैसी उन्नत सुरक्षा विशेषताएं शामिल हैं। अब तक देशभर में 2,200 से अधिक रूट किलोमीटर पर कवच प्रणाली लागू की जा चुकी है।
🇮🇳 स्वदेशी तकनीक, वैश्विक मानक
कवच भारतीय रेलवे द्वारा विकसित एक SIL-4 प्रमाणित प्रणाली है, जो सिग्नलिंग सुरक्षा के उच्चतम वैश्विक मानकों में गिनी जाती है। ऑपरेशनल अनुभव और स्वतंत्र सुरक्षा आकलन के आधार पर RDSO ने कवच वर्जन 4.0 को मंजूरी दी है। इसमें बेहतर लोकेशन सटीकता, बड़े स्टेशन यार्ड में स्पष्ट सिग्नल जानकारी, ऑप्टिकल फाइबर आधारित तेज संचार और मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से सीधा इंटीग्रेशन जैसे अहम अपग्रेड शामिल हैं।
बाजवा-अहमदाबाद सेक्शन पर कवच 4.0 की शुरुआत, भारतीय रेलवे के सुरक्षित, स्मार्ट और विश्वसनीय रेल नेटवर्क के संकल्प को और मजबूत करती है।