RBI ने रेपो रेट घटाकर 5.25% की, EMI कम होने की उम्मीद बढ़ी, चौथी कटौती
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RBI ने रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 5.25% की, जिससे EMI, होम लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरें कम होने की संभावना बढ़ी।
2025 में यह चौथी कटौती है, फरवरी, अप्रैल और जून में भी रेपो रेट घटाई गई थी, जिससे आर्थिक गतिविधियाँ तेज होने की उम्मीद है।
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि महंगाई नियंत्रण में रहने और मांग बढ़ाने की जरूरत को देखते हुए रेपो रेट कटौती आवश्यक थी।
नई दिल्ली/ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता मांग को प्रोत्साहित करने के लिए 5 दिसंबर 2025 को एक बड़ा आर्थिक फैसला लिया है। मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिन तक चली बैठक के बाद, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत (25 बेसिस प्वाइंट्स) की कटौती की घोषणा की। इसके साथ ही देश की प्रमुख पॉलिसी दर 5.50% से घटकर 5.25% पर आ गई है।
यह इस साल का चौथा मौका है जब RBI ने रेपो रेट कम की है। फरवरी, अप्रैल और जून के बाद दिसंबर की इस कटौती ने उपभोक्ताओं, गृह-खरीदारों और लोनधारकों को राहत दी है। मौजूदा समय में वैश्विक आर्थिक मंदी, महंगाई में थोड़ी नरमी और निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत को देखते हुए RBI का यह कदम एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेत माना जा रहा है।
रेपो रेट में कटौती का अर्थ क्या है?
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI देश के बैंकों को अल्पकालीन ऋण देता है। जब यह दर घटती है तो बैंकों को सस्ता लोन मिलता है और वे ग्राहकों को भी कम ब्याज दर पर लोन प्रदान करते हैं। इस प्रकार EMI में कमी आती है और बाजार में खर्च बढ़ता है।
रेपो रेट में कटौती का सीधा फायदा उन लोगों को होगा जिनके पास होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन या अन्य बैंक लोन चल रहे हैं। बैंकों की ब्याज दरों में धीरे-धीरे कमी आने से EMI में हल्की लेकिन महत्वपूर्ण राहत मिलेगी।
2025 में चौथी कटौती एक नजर पीछे
RBI ने 2025 में अब तक चार बार रेपो रेट घटाई है:
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फरवरी 2025: पांच साल बाद पहली बार रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 6.50% से 6.25% की गई।
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अप्रैल 2025: एक और 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद दर 6.00% पर आई।
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जून 2025: केंद्रीय बैंक ने अप्रत्याशित रूप से 50 बेसिस प्वाइंट की बड़ी कटौती की और दर 5.50% हो गई।
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दिसंबर 2025: अब 25 बेसिस प्वाइंट की कमी ने रेपो रेट को 5.25% पर ला दिया।
इन चारों कटौतियों का उद्देश्य आर्थिक गतिविधियों को गति देना, निवेश को बढ़ावा देना और घरेलू उपभोग में वृद्धि करने का रहा है।
गवर्नर संजय मल्होत्रा का बयान
RBI गवर्नर ने कहा-
“MPC ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को तुरंत प्रभाव से 25 बेसिस प्वाइंट घटाने का निर्णय लिया है। आर्थिक गतिविधियों में सुधार लाने और उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए यह कदम आवश्यक था।”
उन्होंने आगे कहा कि महंगाई के नियंत्रित दायरे में रहने और आर्थिक संकेतकों के स्थिर रहने से RBI को रेट कटौती का अवसर मिला।
लोनधारकों को सीधा फायदा
इस कटौती से आने वाले महीनों में होम लोन, कार लोन व पर्सनल लोन की ब्याज दरों में धीरे-धीरे कमी देखने को मिलेगी।
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फ्लोटिंग रेट वाले लोन की EMI अपने आप घटेगी।
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नए लोन लेने वाले उपभोक्ताओं को पहले से सस्ती ब्याज दरें मिलेंगी।
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रियल एस्टेट सेक्टर, ऑटो सेक्टर और कंज्यूमर मार्केट में मांग बढ़ने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ाएगा और छोटे कारोबारों को भी राहत मिलेगी।