प्रधानमंत्री मोदी का अरुणाचल दौरा: विकास परियोजनाएं, नई जीएसटी सुधार और स्वदेशी प्रचार
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पीएम मोदी का अरुणाचल प्रदेश ईटानगर दौरा और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन.
#NextGenGST Reforms: रोजमर्रा की वस्तुएं होंगी सस्ती, टैक्स स्लैब में बदलाव.
स्वदेशी अपनाने का संदेश, व्यापारियों को ‘गर्व से कहो ये स्वदेशी है’ के पोस्टर.
Itanagar / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने पूर्वोत्तर भारत दौरे पर अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर पहुंचे, जहां उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ईटानगर पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने “बचत उत्सव” में लगाए गए स्टॉल का दौरा किया और वहां मौजूद कर्मचारियों एवं दुकानदारों से संवाद किया। उन्होंने व्यापारियों को ‘गर्व से कहो ये स्वदेशी है’ के पोस्टर भी प्रदान किए।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अरुणाचल प्रदेश की यह भूमि न केवल ‘उगते सूर्य की धरती’ है बल्कि यह देशभक्ति और शौर्य-शांति की भी पहचान है। उन्होंने कहा, “जैसे तिरंगे का पहला रंग केसरिया है, वैसे ही अरुणाचल का पहला रंग भी केसरिया है। यहां का हर नागरिक शौर्य और शांति का प्रतीक है।”
मोदी ने अपने संबोधन में हाल ही में लागू हुए #NextGenGST Reforms का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी बचत उत्सव की शुरुआत से त्योहारों के इस मौसम में जनता को डबल बोनस मिला है। प्रधानमंत्री ने व्यापारियों से नई जीएसटी दरों पर विस्तार से बातचीत की और यह जानने की कोशिश भी की कि इन सुधारों से उन्हें कितनी राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश और पूरे पूर्वोत्तर को लंबे समय तक नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि जब उन्हें सेवा का अवसर मिला तो उन्होंने इस उपेक्षा को समाप्त किया और क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा। मोदी ने कांग्रेस शासन की तुलना में भाजपा शासन के दौरान अरुणाचल को मिलने वाले टैक्स हिस्से का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के 10 वर्षों में अरुणाचल प्रदेश को केवल 6,000 करोड़ रुपये ही मिले, जबकि भाजपा सरकार के 10 वर्षों में यह राशि एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रही। यानी भाजपा सरकार ने कांग्रेस की तुलना में 16 गुना ज्यादा आर्थिक सहायता प्रदान की।
अपने इस दौरे पर प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के सियोम उप-बेसिन में दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं—हीओ (240 मेगावाट) और तातो-I (186 मेगावाट)—की आधारशिला रखी। इसके साथ ही उन्होंने तवांग में एक एडवांस कन्वेंशन सेंटर और 1,290 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। मोदी ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल अरुणाचल प्रदेश बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की ऊर्जा और विकास आवश्यकताओं को पूरा करने में मददगार होंगी।
प्रधानमंत्री ने इस यात्रा को तीन कारणों से विशेष बताया। उन्होंने कहा, “पहला कारण यह है कि नवरात्रि के पावन अवसर पर मुझे इन शानदार पहाड़ों के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। नवरात्रि के इस दिन हम हिमालय की पुत्री मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। इन पहाड़ों के बीच रहकर अपनी भक्ति अर्पित करना मेरे लिए दिव्य अनुभूति है।”
मोदी ने आगे कहा कि आज अरुणाचल प्रदेश न केवल विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है बल्कि स्वदेशी को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत की राह में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने दुकानदारों और व्यापारियों को स्वदेशी उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने गुजरात के अपने हालिया दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां भी उन्होंने लोगों से स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। उनके भाषण में जहां एक ओर अरुणाचल की सांस्कृतिक और देशभक्ति की पहचान को रेखांकित किया गया, वहीं दूसरी ओर विकास परियोजनाओं और आर्थिक सहयोग के जरिए राज्य के भविष्य की रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई।
बताते चलें कि, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित किया और अपने भाषण में आम आदमी से जुड़ी कई घोषणाएं कीं। इनमें सबसे बड़ी घोषणा जीएसटी सुधार से जुड़ी रही। प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्टूबर से जीएसटी में नए सुधार लागू होंगे। इन सुधारों का सीधा फायदा जनता को मिलेगा क्योंकि कई रोजमर्रा के प्रोडक्ट सस्ते हो जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टैक्स स्लैब में बदलाव के कारण कुछ वस्तुओं पर 10 फीसदी तक टैक्स कम हो सकता है। हालांकि सरकार की ओर से आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाने के लिए समय के साथ सुधार आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि जीएसटी को और सरल बनाया गया है और इसका अगला चरण नवरात्रि के पहले दिन से लागू होगा। अभी तक जीएसटी में चार टैक्स स्लैब मौजूद हैं—5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी। लेकिन सुधार के बाद केवल दो टैक्स स्लैब रह जाएंगे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 12 फीसदी टैक्स स्लैब के 99 फीसदी प्रोडक्ट अब 5 फीसदी की कैटेगरी में आ जाएंगे। वहीं 28 फीसदी स्लैब वाले सामान 18 फीसदी टैक्स स्लैब में शामिल हो जाएंगे, जिससे उपभोक्ताओं को करीब 10 फीसदी तक राहत मिल सकती है। हालांकि लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर टैक्स दर बढ़ाकर 40 फीसदी कर दी जाएगी। पेट्रोलियम, सोना और हीरों पर फिलहाल पुरानी दरें ही लागू रहेंगी।
अभी जीएसटी नियमों के अनुसार अधिकतम 40 फीसदी तक टैक्स लगाया जाता है और लगभग हर वस्तु व सेवाओं पर टैक्स लागू होता है। किस प्रोडक्ट पर कितना टैक्स लगेगा यह उसकी श्रेणी पर निर्भर करता है। सुधारों के बाद कई रोजमर्रा के सामान और सेवाएं सस्ती हो सकती हैं। इससे न केवल लोगों की जेब पर बोझ कम होगा बल्कि उनकी क्रय क्षमता यानी पर्चेजिंग पावर भी बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐलान ने लोगों में उत्सुकता पैदा कर दी है। अब सबकी नजर सरकार की ओर से आधिकारिक पुष्टि पर टिकी हुई है, जिससे स्पष्ट हो सके कि कौन-कौन सी वस्तुएं सस्ती होंगी और किन पर नया टैक्स दर लागू होगा।