PM मोदी: 2025 भारत की सुधार यात्रा का निर्णायक वर्ष बनकर याद रहेगा

Wed 31-Dec-2025,12:34 AM IST +05:30

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PM मोदी: 2025 भारत की सुधार यात्रा का निर्णायक वर्ष बनकर याद रहेगा 2025-भारत-की-सुधार-यात्रा-का-निर्णायक-वर्ष
  • PM मोदी के अनुसार 2025 में भारत ने छोटे नीतिगत बदलावों से आगे बढ़कर पूरे शासन और आर्थिक सिस्टम को सरल बनाया।

  • टैक्स, श्रम कानून और बिजनेस रेगुलेशन में सुधारों से निवेशकों का भरोसा और आर्थिक स्थिरता मजबूत हुई।

  • छोटे और मध्यम उद्योगों पर रेगुलेटरी दबाव कम कर विकास और नवाचार को बढ़ावा दिया गया।

Delhi / New Delhi :

दिल्ली/ भारत की आर्थिक दिशा और शासन प्रणाली में आए बड़े बदलावों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 को ऐतिहासिक बताते हुए इसे सुधारों का निर्णायक पड़ाव करार दिया है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर साझा विचारों में बताया कि इस वर्ष सरकार ने दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता, आसान शासन और निवेशकों के भरोसे को मजबूत करने के लिए व्यापक संरचनात्मक सुधारों को प्राथमिकता दी। उनका कहना है कि 2025 ने नीति निर्माण को छोटे बदलावों से आगे बढ़ाकर पूरे सिस्टम को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की सुधार यात्रा को रेखांकित करते हुए कहा है कि वर्ष 2025 को देश एक ऐसे साल के रूप में याद करेगा, जब नीतिगत बदलावों ने भारत की आर्थिक और प्रशासनिक संरचना को नई मजबूती दी। उन्होंने यह विचार लिंक्डइन पर साझा एक विस्तृत पोस्ट के माध्यम से रखे, जिसमें सरकार की प्राथमिकताओं और सुधारों की दिशा पर प्रकाश डाला गया।

प्रधानमंत्री ने लिखा कि 2025 का उपयोग सरकार ने अल्पकालिक नीतिगत सुधारों से आगे बढ़कर पूरे सिस्टम को सरल, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए किया। उनका कहना था कि शासन की निरंतरता और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन ने सुधारों को जमीनी स्तर पर उतारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

PM मोदी के अनुसार, टैक्स सिस्टम, श्रम कानून, व्यवसायिक नियमों और रणनीतिक क्षेत्रों में किए गए बदलावों का मुख्य उद्देश्य आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना और निवेशकों के लिए भरोसेमंद माहौल तैयार करना रहा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि सुधार केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि उद्योग, निवेश और रोजगार सृजन पर उनका सीधा प्रभाव दिखाई दे।

कॉर्पोरेट सेक्टर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2025 छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए राहत लेकर आया। छोटी कंपनियों को परिभाषित करने वाली सीमाओं में बदलाव किया गया, ताकि वे अचानक भारी अनुपालन (कंप्लायंस) बोझ में न फंसें। इससे व्यवसायों को विस्तार और नवाचार के लिए अधिक समय और अवसर मिले।

प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि इस वर्ष सुधारों का फोकस “ईज ऑफ गवर्नेंस” पर रहा। प्रक्रियाओं को सरल करने, डिजिटल सिस्टम को बढ़ावा देने और नियमों को तार्किक बनाने से सरकार और नागरिकों के बीच की दूरी कम हुई। निवेशकों के लिए स्पष्ट नियम और स्थिर नीति वातावरण ने भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में और मजबूत किया।

PM मोदी ने लिखा कि सुधारों की यह यात्रा केवल आर्थिक आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य आम नागरिक के जीवन को आसान बनाना भी है। बेहतर शासन, तेज निर्णय प्रक्रिया और पारदर्शिता से लोगों का सिस्टम पर भरोसा बढ़ा है।

प्रधानमंत्री का मानना है कि 2025 में शुरू हुए ये संरचनात्मक बदलाव आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि यही सुधार भारत को दीर्घकालिक रूप से स्थिर, मजबूत और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की ओर ले जाएंगे।