अनानास और फर्टिलिटी: प्रजनन क्षमता बढ़ाने में कैसे मददगार है यह फल

Sun 28-Dec-2025,11:59 PM IST +05:30

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अनानास और फर्टिलिटी: प्रजनन क्षमता बढ़ाने में कैसे मददगार है यह फल Pineapple-Benifits
  • अनानास में ब्रोमेलेन सूजन कम कर गर्भाशय स्वास्थ्य बढ़ाए.

  • विटामिन C और मैग्नीशियम हार्मोन और इम्यूनिटी में सहायक

  • ओव्यूलेशन के बाद सही समय पर सेवन फर्टिलिटी के लिए फायदेमंद.

Maharashtra / Nagpur :

AGCNN / आज के समय में प्रजनन क्षमता (Fertility) से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। बदलती जीवनशैली, तनाव, हार्मोनल असंतुलन और पोषण की कमी इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। ऐसे में कई महिलाएं प्राकृतिक तरीकों और आहार आधारित उपायों की ओर रुख कर रही हैं। इन्हीं उपायों में इन दिनों अनानास, खासकर उसका बीच वाला सख्त हिस्सा यानी पाइनएप्पल कोर, चर्चा में है। माना जाता है कि ओव्यूलेशन के बाद कुछ खास दिनों में इसका सेवन प्रजनन क्षमता को सपोर्ट कर सकता है।

फर्टिलिटी से जुड़ी जानकारी में अक्सर DPO यानी Days Past Ovulation का जिक्र होता है। यह वह समय होता है, जब ओव्यूलेशन के बाद शरीर गर्भधारण के लिए खुद को तैयार करता है। कुछ महिलाएं DPO 1 से DPO 5 के बीच अनानास के बीच वाले हिस्से को अपनी प्राकृतिक फर्टिलिटी रूटीन में शामिल करती हैं। इसके पीछे धारणा यह है कि अनानास में मौजूद कुछ पोषक तत्व गर्भाशय के वातावरण को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

अनानास में पाया जाने वाला प्रमुख तत्व ब्रोमेलेन (Bromelain) है, जो एक प्राकृतिक एंजाइम है। ब्रोमेलेन अपने सूजन-रोधी यानी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर में अनावश्यक सूजन कई बार गर्भधारण की प्रक्रिया में बाधा बन सकती है। ऐसे में ब्रोमेलेन सूजन को कम करने में सहायक माना जाता है, जिससे गर्भाशय के लिए अनुकूल वातावरण बन सकता है।

यह भी माना जाता है कि ब्रोमेलेन गर्भाशय में रक्त प्रवाह यानी यूटेराइन ब्लड फ्लो को सपोर्ट कर सकता है। बेहतर रक्त प्रवाह का अर्थ है कि गर्भाशय की परत (Uterine Lining) को पर्याप्त पोषण और ऑक्सीजन मिलती है। गर्भाशय की मजबूत और स्वस्थ परत भ्रूण के इम्प्लांटेशन के लिए जरूरी मानी जाती है। इसी कारण कुछ महिलाएं ओव्यूलेशन के बाद के शुरुआती दिनों में अनानास का सेवन करती हैं।

अनानास सिर्फ ब्रोमेलेन तक सीमित नहीं है। इसमें विटामिन C भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। विटामिन C शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है और हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक माना जाता है। इसके अलावा यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जो प्रजनन स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।

अनानास में मौजूद मैग्नीशियम भी फर्टिलिटी के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है। मैग्नीशियम मांसपेशियों को रिलैक्स करने, तनाव कम करने और हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि अत्यधिक तनाव गर्भधारण में बड़ी बाधा बन सकता है। ऐसे में मैग्नीशियम युक्त आहार शरीर और मन दोनों को संतुलन देने में सहायक हो सकता है।

इसके साथ ही अनानास में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं। ये कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं। जब शरीर का संपूर्ण संतुलन ठीक रहता है, तो प्रजनन तंत्र भी बेहतर तरीके से काम करता है। यही कारण है कि फर्टिलिटी से जुड़ी डाइट में फलों और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है।

हालांकि विशेषज्ञ यह भी स्पष्ट करते हैं कि अनानास कोई चमत्कारी इलाज नहीं है। केवल अनानास खाने से गर्भधारण सुनिश्चित नहीं होता। यह एक सहायक आहार हो सकता है, जिसे संतुलित डाइट, स्वस्थ जीवनशैली और चिकित्सकीय सलाह के साथ अपनाया जाना चाहिए। कुछ मामलों में अत्यधिक मात्रा में अनानास या ब्रोमेलेन का सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है, इसलिए संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जो महिलाएं गर्भधारण की योजना बना रही हैं, उन्हें किसी भी प्राकृतिक उपाय को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशन एक्सपर्ट से सलाह जरूर लेनी चाहिए। हर महिला का शरीर अलग होता है और उसकी जरूरतें भी अलग हो सकती हैं।

कुल मिलाकर अनानास को फर्टिलिटी सपोर्ट करने वाले प्राकृतिक आहार के रूप में देखा जा रहा है। इसके पोषक तत्व शरीर के समग्र संतुलन और प्रजनन स्वास्थ्य को सहयोग दे सकते हैं। सही जानकारी, संतुलित आहार और सकारात्मक सोच के साथ अनानास जैसे प्राकृतिक विकल्प फर्टिलिटी जर्नी में सहायक भूमिका निभा सकते हैं।