राष्ट्रपति भवन में शपथ समारोह: न्यायमूर्ति सूर्यकांत बने देश के 54वें मुख्य न्यायाधीश

Mon 24-Nov-2025,02:17 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

राष्ट्रपति भवन में शपथ समारोह: न्यायमूर्ति सूर्यकांत बने देश के 54वें मुख्य न्यायाधीश मुख्य न्यायधीश सूर्यकांत
  • राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में जस्टिस सूर्य कांत ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ ली।

  • शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री, मंत्रीगण, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।

  • नए मुख्य न्यायाधीश से न्यायिक सुधार, डिजिटल न्याय प्रणाली और मामलों के शीघ्र निस्तारण की दिशा में अपेक्षाएँ बढ़ीं।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली / जस्टिस सूर्य कांत ने देश के नए मुख्य न्यायाधीश Chief Justice of India के रूप में शपथ ग्रहण किया। सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन स्थित गणतंत्र मंडप में आयोजित एक औपचारिक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता और कई संवैधानिक पदाधिकारी उपस्थित रहे। समारोह में न्यायपालिका और कार्यपालिका के उच्च पदाधिकारियों की उपस्थिति ने इस शपथ ग्रहण को और भी गरिमामय बना दिया।

जस्टिस सूर्य कांत को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाना न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। अपने लंबे अनुभव, न्यायिक समझ, पारदर्शी दृष्टिकोण और संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता के कारण वह सम्मानित न्यायाधीशों में गिने जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पहले वे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी रहे हैं। शपथ ग्रहण के साथ ही देश की न्यायिक प्रणाली को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। आगामी वर्षों में लंबित मामलों के निस्तारण, न्यायिक सुधार, डिजिटल न्याय प्रणाली के विस्तार और न्याय तक आम लोगों की पहुंच को सरल बनाने जैसे मुद्दों पर जस्टिस सूर्य कांत की नेतृत्व क्षमता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

राष्ट्रपति भवन से जारी जानकारी के अनुसार, जस्टिस सूर्य कांत ने राष्ट्रपति के समक्ष संविधान के प्रति निष्ठा का संकल्प दोहराते हुए अपने पद का दायित्व निभाने की प्रतिज्ञा ली। समारोह के बाद राष्ट्रपति ने उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं और न्यायपालिका की मजबूती की दिशा में उनके योगदान की सराहना की।