संसद का शीतकालीन सत्र 2025 SIR को लेकर संसद में हंगामा तेज, विपक्ष का प्रदर्शन जारी और नारेबाजी बढ़ी

Tue 02-Dec-2025,12:38 PM IST +05:30

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संसद का शीतकालीन सत्र  2025 SIR को लेकर संसद में हंगामा तेज, विपक्ष का प्रदर्शन जारी और नारेबाजी बढ़ी
  • विपक्ष SIR पर तुरंत बहस की मांग कर रहा है जबकि सरकार प्रक्रिया पालन को आवश्यक बताकर समय सीमाओं पर आपत्ति जता रही है। लोकसभा और राज्यसभा में लगातार दूसरे दिन हंगामा, विपक्ष ने ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ के नारे लगाकर सरकार को घेरा।

     

  • सरकार ने कहा कि SIR और चुनावी सुधारों पर कंसल्टेशन शुरू है और चर्चा उचित समय पर की जाएगी।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी SIR (Special Intensive Revision) को लेकर विपक्ष का जोरदार विरोध और हंगामा जारी रहा। सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कई सांसद वेल तक पहुंच गए और ‘वोट चोर–गद्दी छोड़’ के नारे गूंजते रहे। स्पीकर ओम बिड़ला ने प्रश्नकाल जारी रखने का प्रयास किया, लेकिन विपक्ष लगातार 20 मिनट तक हंगामा करता रहा। अंततः कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा में भी स्थिति कुछ अलग नहीं रही। विपक्ष ने लगातार दूसरे दिन SIR के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखा। सुबह 10:30 बजे मकर द्वार के सामने विपक्षी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से SIR पर तत्काल चर्चा की मांग दोहराई।

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “लोकतंत्र की रक्षा के लिए विरोध जरूरी है। सरकार SIR पर चर्चा को टाल नहीं सकती।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मतदाता सूची में अनियमितताओं के आरोप गंभीर हैं और इस पर तुरंत विचार आवश्यक है।

वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष समय सीमा थोप रहा है, जो ठीक नहीं है। रिजिजू ने कहा कि सरकार SIR और चुनावी सुधारों पर पहले ही कंसल्टेशन प्रक्रिया शुरू कर चुकी है और उचित समय पर फैसला लिया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार विपक्ष ने यह सुझाव दिया है कि सरकार चाहे तो SIR शब्द की जगह ‘इलेक्टोरल रिफॉर्म’ या अन्य किसी नाम का उपयोग करते हुए विषय को सदन की कार्यवाही में सूचीबद्ध कर सकती है। सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है और संभव है कि अपना रुख बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में स्पष्ट करे।

1 दिसंबर को सत्र के पहले दिन भी SIR और वोट चोरी के आरोपों पर पूरे दिन तीखा हंगामा हुआ था। सरकार ने तब भी कहा था कि वह चर्चा से नहीं भाग रही, लेकिन संसदीय प्रक्रिया का पालन होना आवश्यक है। दूसरी ओर, विपक्ष का कहना है कि SIR को लेकर शिकायतें देशभर से लगातार आ रही हैं और मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा अत्यंत गंभीर है। इसलिए चर्चा आज ही और तत्काल होनी चाहिए। संसद में टकराव बढ़ने के संकेत साफ हैं। यदि दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े रहे, तो आने वाले दिनों में सत्र की कार्यवाही बार-बार बाधित हो सकती है।