41वें अखिल भारतीय दलित साहित्य सम्मेलन में डॉ. राजेश मून को बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय फेलोशिप सम्मान

Thu 25-Dec-2025,11:20 AM IST +05:30

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41वें अखिल भारतीय दलित साहित्य सम्मेलन में डॉ. राजेश मून को बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय फेलोशिप सम्मान दलित-साहित्य-डॉ.-राजेश-मून-को-बाबासाहेब-डॉ.-आंबेडकर-राष्ट्रीय-फेलोशिप-सम्मान
  • 41वें अखिल भारतीय दलित साहित्य सम्मेलन में राष्ट्रीय सम्मान.

  • शिक्षा, दलित विमर्श, संगीत उपचार और ट्रांसलेशन में उल्लेखनीय योगदान.

  • सामाजिक न्याय और वैकल्पिक ज्ञान परंपरा को नई दिशा.

Delhi / Delhi :

New Delhi / पंचशील आश्रम, नई दिल्ली में आयोजित 41वें अखिल भारतीय दलित साहित्य सम्मेलन के अवसर पर शिक्षा, साहित्य और सामाजिक चिंतन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. राजेश मून को “बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय फेलोशिप सम्मान” से सम्मानित किया गया।

होटल में नौकरी से अपने जीवन की शुरुआत कर शिक्षा, लेखन और बौद्धिक विमर्श के उच्चतम शिखर तक पहुँचने वाले डॉ. राजेश मून ने अपने संघर्ष, अध्ययन और सतत सामाजिक प्रतिबद्धता के माध्यम से एक प्रेरणादायी यात्रा तय की है। उनके लेखन में दलित विमर्श, सामाजिक न्याय, समकालीन समस्याओं और मानवीय मूल्यों का गहन विश्लेषण देखने को मिलता है।

डॉ. मून ने शिक्षा जगत में बहुमूल्य योगदान के साथ-साथ नई सामाजिक थ्योरियों के चिंतन, संगीत उपचार (Music Therapy) एवं ट्रांसलेशन में गहन शोध, तथा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर सशक्त और निर्भीक आवाज़ उठाने का कार्य किया है। इसी व्यापक बौद्धिक और सामाजिक योगदान को देखते हुए उन्हें यह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया। सम्मान समारोह में दलित साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. एस. पी. सुमनाक्षर, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की सहयोगी संघप्रिया गौतम, पूर्व समाज कल्याण मंत्री बबनराव घोलप, पंजाब के जिला कलेक्टर अभिषेक मून, नेपाल से आए मुख्य अतिथि सहित देश के विभिन्न राज्यों से आए अनेक गणमान्य बुद्धिजीवी, साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

इस अवसर पर डॉ. राजेश मून ने सम्मान के लिए डॉ. रवि दलाल के प्रति विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पुरस्कार के लिए उन्हें प्रेरित करने का श्रेय उन्हीं को जाता है। उन्होंने अपने भाई एडवोकेट रविन्द्र मून एवं जीवन संगिनी लक्ष्मी मून का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने आर्थिक एवं पारिवारिक चुनौतियों के समय मजबूत संबल प्रदान किया। साथ ही बेटे अधिराज एवं नेफ्यू आदित्य और निस अनुष्का का भी आभार व्यक्त किया.  उन्होंने अपने बड़े भाई अशोक मून, दीदी  यशोदा जवादे, छाया जवादे  तथा संपूर्ण परिवार के सहयोग और समर्थन को अपनी सफलता का आधार बताया। डॉ राजेश मून ने २०१४ में महात्मा गांधी इंटरनेशनल हिंदी यूनिवर्सिटी से ट्रांसलेशन टेक्नोलॉजी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की. मित्र परिवार में वे डॉ. नरेश गौतम, डॉ. पंकज उपाध्याय , डॉ. संदीप शर्मा, डॉ. संदीप वर्मा ,डॉ. अनिल मिश्र एवं डॉ. चित्रलेखा अंशु झा को श्रेय देते है. अपने पीएचडी मार्गदर्शक डॉ. अनवर सिद्दिकी एवं प्रो.लेला कारुन्यकारा, डॉ. सुनील कुमार सुमन को विशेष श्रेय देते है . डॉ. राजेश मून को मिला यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष और उपलब्धियों की पहचान है, बल्कि यह समकालीन दलित साहित्य, वैकल्पिक ज्ञान परंपरा और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में हो रहे प्रयासों को भी राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देता है।