प्रधानमंत्री मोदी का अर्थशास्त्रियों के साथ विकसित भारत 2047 पर मंथन

Wed 31-Dec-2025,12:16 AM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

प्रधानमंत्री मोदी का अर्थशास्त्रियों के साथ विकसित भारत 2047 पर मंथन
  • नीति आयोग में प्रधानमंत्री मोदी ने अर्थशास्त्रियों से संवाद कर 2047 तक विकसित भारत, आत्मनिर्भरता और मिशन-आधारित सुधारों की रूपरेखा पर चर्चा की।

  • अर्थशास्त्रियों ने AI, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और उत्पादकता बढ़ाने को आर्थिक परिवर्तन की कुंजी बताया। संवाद में 2025 के अंतर-क्षेत्रीय सुधारों को भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए निर्णायक माना गया।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ दिल्ली में 30 दिसंबर 2025 को नीति आयोग के परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रख्यात अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ एक अहम संवाद किया। इस बैठक का उद्देश्य भारत की दीर्घकालिक आर्थिक दिशा, आत्मनिर्भरता और संरचनात्मक सुधारों के जरिए वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने पर मंथन करना था। संवाद में सरकार, नीति निर्माण और विशेषज्ञ समुदाय के साझा दृष्टिकोण को मजबूती देने पर विशेष जोर दिया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवाद को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत का सपना अब केवल सरकारी लक्ष्य नहीं, बल्कि एक जन-आकांक्षा बन चुका है। उन्होंने कहा कि समाज के बदलते उपभोग पैटर्न, शिक्षा की बढ़ती अपेक्षाएं और वैश्विक गतिशीलता इस बदलाव को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं। ऐसे में संस्थागत क्षमता बढ़ाना और सक्रिय अवसंरचना नियोजन समय की मांग है।

प्रधानमंत्री ने दीर्घकालिक और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए मिशन-आधारित सुधारों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नीति निर्माण और बजट निर्धारण को 2047 के विजन से जोड़ना जरूरी है, ताकि भारत वैश्विक कार्यबल और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रख सके।

संवाद में शामिल अर्थशास्त्रियों ने विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने, प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने और संरचनात्मक परिवर्तन को गति देने पर अपने विचार साझा किए। चर्चा में घरेलू बचत बढ़ाने, बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने और अत्याधुनिक तकनीक अपनाने को आर्थिक मजबूती का आधार बताया गया।

विशेषज्ञों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा की और बताया कि किस तरह AI अंतर-क्षेत्रीय उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकता है। साथ ही, भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) की सफलता और उसके निरंतर विस्तार को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए निर्णायक माना गया।

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि वर्ष 2025 में हुए अभूतपूर्व अंतर-क्षेत्रीय सुधार भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में बनाए रखने में सहायक होंगे। यह संवाद नीति आयोग की उस भूमिका को भी रेखांकित करता है, जो विशेषज्ञता और शासन के बीच सेतु का काम करता है।

चर्चा में कई प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ शामिल थे, जिनमें श्री शंकर आचार्य, श्री अशोक के भट्टाचार्य, श्री एन आर भानुमूर्ति, सुश्री अमिता बत्रा, श्री जन्मेजय सिन्हा, श्री अमित चंद्रा, सुश्री रजनी सिन्हा, श्री दिनेश कनाबार, श्री बसंत प्रधान, श्री मदन सबनवीस, सुश्री आशिमा गोयल, श्री धर्मकीर्ति जोशी, श्री उमाकांत दाश, श्री पिनाकी चक्रवर्ती, श्री इंद्रनील सेन गुप्ता, श्री समीरन चक्रवर्ती, श्री अभिमान दास, श्री राहुल बाजोरिया, सुश्री मोनिका हालन और श्री सिद्धार्थ सान्याल शामिल थे।