सिद्धरमैया–डीके शिवकुमार की नाश्ता मुलाकात: कर्नाटक की सियासत में बढ़ता रहस्य

Tue 02-Dec-2025,02:51 AM IST +05:30

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सिद्धरमैया–डीके शिवकुमार की नाश्ता मुलाकात: कर्नाटक की सियासत में बढ़ता रहस्य Karnataka politics breakfast meeting
  • सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार के बीच नाश्ते की मुलाकात ने सियासी अटकलें तेज कीं।

  • नेतृत्व विवाद के बीच दोनों नेता एकता का संदेश देने की कोशिश में।

  • डीके सुरेश की दिल्ली यात्रा ने घटनाक्रम को और जटिल बनाया।

Karnataka / Bengaluru :

Karnataka / कर्नाटक की राजनीति इन दिनों बेहद दिलचस्प मोड़ पर है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच नेतृत्व को लेकर जारी चर्चाओं के बीच आज एक और महत्वपूर्ण मुलाकात होने जा रही है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया मंगलवार सुबह शिवकुमार के घर नाश्ते के लिए पहुंचेंगे। यह मुलाकात सामान्य राजनीतिक औपचारिकता नहीं, बल्कि सियासी संकेतों से भरपूर दिखाई दे रही है।

तनाव के बीच मीठे नाश्ते का संदेश
कुछ दिन पहले ही दोनों नेताओं ने एक साथ भोजन कर नेतृत्व विवाद की अटकलों को शांत करने की कोशिश की थी। इसके बावजूद राजनीतिक गलियारों में इस टकराव की खबरें लगातार गर्म हैं। इसी बीच शिवकुमार ने सोमवार शाम पुष्टि की कि उन्होंने सिद्धरमैया को नाश्ते पर आमंत्रित किया है। उनका कहना है कि यह मुलाकात कर्नाटक में किए गए वादों को पूरा करने के लिए सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने का मौका होगी।

सिद्धरमैया ने मुलाकात से पहले कहा था कि उन्हें अभी तक औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन निमंत्रण मिलते ही वे जरूर जाएंगे। इसका अर्थ साफ था—वे भी फिलहाल तनाव बढ़ाने के मूड में नहीं हैं। दूसरी ओर, शिवकुमार ने कहा कि यह उनके और मुख्यमंत्री के बीच की बात है और वे दोनों "भाइयों की तरह" काम कर रहे हैं।

शिवकुमार का संदेश: एकता की तस्वीर सामने रखें
शिवकुमार ने सोमवार शाम सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर लिखा कि वे और मुख्यमंत्री साथ मिलकर एक टीम की तरह काम करते रहेंगे। उनकी पोस्ट में स्पष्ट था कि पार्टी और सरकार में एकता का संदेश जनता और आलाकमान तक पहुंचाना जरूरी है। यही वजह है कि उन्होंने खुद मुख्यमंत्री को नाश्ते पर आमंत्रित कर यह पहल की।

यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ दिन पहले ही शिवकुमार मुख्यमंत्री आवास पर सिद्धरमैया के बुलावे पर नाश्ते के लिए पहुंचे थे। माना जा रहा है कि यह सिलसिला कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर आगे बढ़ रहा है, ताकि पार्टी की अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने न आए।

डीके सुरेश की दिल्ली यात्रा ने बढ़ाई बेचैनी
इस पूरे घटनाक्रम में एक और दिलचस्प पहलू जुड़ा—डीके शिवकुमार के भाई और पूर्व सांसद डीके सुरेश। वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए थे, जहां माना जा रहा था कि वे कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात कर नेतृत्व विवाद पर चर्चा कर रहे हैं। सोमवार को उनके बेंगलुरु लौटने के बाद राजनीतिक हलचल और तेज हो गई।

निष्कर्ष: नाश्ते से सुलझेंगे विवाद या सिर्फ दिखेगी सद्भावना?
आज की यह मुलाकात कर्नाटक की राजनीति में बड़ा संदेश दे सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नाश्ता सिर्फ तस्वीरों तक सीमित रहेगा या नेतृत्व विवाद को शांत करने में वास्तविक भूमिका निभाएगा।
फिलहाल इतना साफ है कि दोनों नेता जनता के बीच एकजुटता का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं—पर अंदरूनी कहानी क्या है, यह अभी भी पर्दे के पीछे है।