मीठी नदी घोटाला: डिनो मोरिया समेत कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, BMC को 65 करोड़ का नुकसान

Fri 06-Jun-2025,08:47 PM IST +05:30

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मीठी नदी घोटाला: डिनो मोरिया समेत कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, BMC को 65 करोड़ का नुकसान
  • मीठी नदी ड्रेजिंग घोटाले में ₹65 करोड़ की अनियमितता।

  • डिनो मोरिया, BMC अधिकारी और ठेकेदारों के घरों पर छापे।

  • मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में राजनीतिक कनेक्शन की भी जांच।

Maharashtra / Mumbai :

Mumbai / प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को मीठी नदी से गाद निकालने के घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत महाराष्ट्र और केरल में बड़े पैमाने पर छापेमारी की है। इस घोटाले में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) को करीब 65 करोड़ रुपये का नुकसान होने की बात सामने आई है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, छापेमारी मुंबई और कोच्चि में स्थित 15 से अधिक परिसरों में की गई, जिसमें कई सरकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और बॉलीवुड अभिनेता डिनो मोरिया के घर भी शामिल थे।

यह जांच मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की जा रही है। ED ने बताया कि इस घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज एफआईआर की जांच के बाद कार्रवाई की जा रही है। विशेष रूप से, यह मामला मीठी नदी से गाद निकालने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। मीठी नदी, जो मुंबई शहर से होकर गुजरती है और अरब सागर में गिरती है, वहां ड्रेजिंग के लिए विशेष उपकरण किराये पर देने की निविदाओं में कथित तौर पर हेरफेर किया गया था। इस हेरफेर के कारण कुछ आपूर्तिकर्ताओं को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

छापेमारी के दौरान जब्त किए गए वित्तीय दस्तावेजों और अन्य सामग्रियों की ED द्वारा गहन समीक्षा की जा रही है ताकि अवैध धन के प्रवाह का पता लगाया जा सके। बॉलीवुड अभिनेता डिनो मोरिया, जो शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगी माने जाते हैं, से पहले ही दो बार EOW ने पूछताछ की है। इसके अलावा, BMC के सहायक अभियंता प्रशांत रामुगाड़े और कई ठेकेदारों को भी जांच के दायरे में रखा गया है।

ED ने इस घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण कुल 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन आरोपितों में नगर निगम के अधिकारी, ठेकेदार और अन्य शामिल हैं। जांच अभी जारी है और आगे की कार्रवाई के लिए वित्तीय दस्तावेजों की पड़ताल और संदिग्ध लेन-देन की जांच की जा रही है।

यह छापेमारी महाराष्ट्र और केरल दोनों राज्यों में हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मामले की जड़ें कई जगह फैली हुई हैं। ED की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सख्त रुख का परिचायक है।