बरेली में बिजली चोरी का बड़ा मामला: तौकीर रजा खां के पांच सहयोगियों पर 1.25 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस
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बड़ी वसूली: मौलाना तौकीर रजा के पांच सहयोगियों को बिजली चोरी के आरोप में 1.25 करोड़ रुपये से अधिक के वसूली नोटिस जारी।
दोहरा अपराध: आरोपी पिछले साल भी बिजली चोरी के मामले में पकड़े गए थे, लेकिन जुर्माना नहीं भरकर दोबारा अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए गए।
आंतरिक जांच: इस संगठित चोरी में बिजली विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका पर एक तीन सदस्यीय समिति ने जांच शुरू की।
कड़ी कार्रवाई: प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वसूली प्रमाणपत्र (आरसी) मिलते ही तत्काल राजस्व विभाग के माध्यम से राशि वसूल करने की कार्रवाई पूरी की जाएगी।
Barailly / उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के पांच सहयोगियों पर बिजली चोरी का गंभीर आरोप लगा है। इन पांचों सहयोगियों को बिजली विभाग ने 1.25 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली का नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई ई-चार्जिंग स्टेशनों पर बिजली चोरी पकड़े जाने के बाद की गई।
दरअसल, पिछले सप्ताह बिजली विभाग और प्रशासन की एक संयुक्त टीम ने बरेली के बान खाना इलाके में छापेमारी की। इस दौरान पांच ई-चार्जिंग केंद्रों पर बिजली चोरी करते हुए पकड़ा गया। ये सभी चार्जिंग स्टेशन बगैर अनुमति और बिजली कनेक्शन के अवैध रूप से संचालित किए जा रहे थे। जांच में पाया गया कि यह चोरी बड़े पैमाने पर हो रही थी, जिससे बिजली विभाग को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा है।
मुख्य अभियंता (प्रथम जोन) ज्ञान प्रकाश ने बताया कि इन पांचों चार्जिंग केंद्रों के मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और बिजली चोरी के एवज में 1.25 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली का नोटिस जारी किया गया है। जिन लोगों के खिलाफ नोटिस जारी हुआ है, उनके नाम इस प्रकार हैं—
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वसीम खान: ₹15.39 लाख
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मोनिश खान: ₹22.29 लाख
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बरकान रजा खान: ₹37.32 लाख
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अमन रजा खान: ₹26.92 लाख
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गुलाम नबी: ₹26.57 लाख
इन सभी को मौलाना तौकीर रजा खां के करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह इस इलाके में बिजली चोरी की पहली घटना नहीं है। लगभग एक वर्ष पहले भी इसी क्षेत्र में छापेमारी की गई थी, जहां इन्हीं आरोपियों की चार ई-चार्जिंग इकाइयों में बिजली चोरी पकड़ी गई थी। उस समय भी इन पर जुर्माना लगाया गया था, परंतु इन्होंने अपनी गतिविधियाँ जारी रखीं।
मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश ने कहा कि जो लोग अभी तक बिजली चोरी का जुर्माना नहीं चुका पाए हैं, उनके खिलाफ वसूली प्रमाणपत्र (आरसी) जारी किए जा रहे हैं। पहले चरण में उन उपभोक्ताओं पर आरसी जारी की गई है जिन पर 10 लाख रुपये से अधिक का बकाया है।
उन्होंने बताया कि बान खाना इलाके में बिजली चोरी की यह पुनरावृत्ति गंभीर मामला है। इसलिए विभाग ने एक तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जो यह जांच करेगी कि क्या बिजली विभाग के कुछ कर्मचारी भी इस अवैध गतिविधि में संलिप्त थे। उन्होंने कहा कि यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता पाई गई, तो उसके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, बरेली के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संतोष कुमार सिंह ने कहा, “बिजली विभाग से जैसे ही आरसी की प्रतियां प्राप्त होंगी, वसूली की प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ की जाएगी। किसी को भी बकाया छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
गौरतलब है कि इन सभी आरोपियों के नाम हाल ही में हुई बरेली हिंसा से भी जुड़े हैं। 26 सितंबर को बरेली में ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां को मुख्य अभियुक्त बनाया गया था। अब उनके सहयोगियों के खिलाफ बिजली चोरी का यह मामला उनके संगठन पर और सवाल खड़े कर रहा है।
अंततः, यह मामला न केवल बिजली चोरी का है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और आपराधिक नेटवर्क की संभावित संलिप्तता को भी उजागर करता है। बरेली प्रशासन अब इस प्रकरण की गहराई से जांच कर रहा है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस अवैध गतिविधि में कौन-कौन लोग शामिल थे और पिछले वर्षों में ऐसे मामलों को क्यों नजरअंदाज किया गया। बिजली विभाग ने साफ कर दिया है कि अब किसी भी व्यक्ति को इस तरह की चोरी करने पर बख्शा नहीं जाएगा।