AIM और भाषिणी की साझेदारी से भाषाई समावेशन और नवाचार को बढ़ावा

Thu 07-Aug-2025,06:09 PM IST +05:30

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AIM और भाषिणी की साझेदारी से भाषाई समावेशन और नवाचार को बढ़ावा बहुभाषी नवाचार, स्टार्टअप सहयोग और जमीनी स्तर पर डिजिटल समावेशन की नई पहल
  • AIM और भाषिणी का रणनीतिक सहयोग

  • बहुभाषी नवाचार को मिलेगा बढ़ावा

  • स्टार्टअप्स के लिए भाषा तकनीक आधारित समाधान

Delhi / New Delhi :

भाषाई बाधाओं को तोड़कर नवाचार तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने के उद्देश्य से आज नई दिल्ली में नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (AIM) और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अंतर्गत डिजिटल इंडिया भाषिणी डिवीजन (DIBD) ने एक आपसी समझौता ज्ञापन (Statement of Intent - SoI) पर हस्ताक्षर किए।

यह रणनीतिक साझेदारी भारत के तेजी से विकसित हो रहे नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र में स्थानीय भाषाओं में नवाचार को बढ़ावा देने और भाषाई समावेशन को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बैठक के दौरान AIM के मिशन निदेशक दीपक बगला और DIBD के CEO अमिताभ नाग की उपस्थिति में इस SoI को औपचारिक रूप दिया गया। इस दौरान AIM के विभिन्न राष्ट्रीय नवाचार कार्यक्रमों में भाषा तकनीक को एकीकृत करने की रणनीति पर गहन चर्चा हुई।

साझेदारी की शुरुआत में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) अकादमी द्वारा विकसित सामग्री को भाषिणी के टूल्स की मदद से कई भारतीय भाषाओं में अनुवादित किया जाएगा। यह पहल AIM, नीति आयोग और WIPO के बीच पहले से ही हस्ताक्षरित संयुक्त इरादा पत्र (Joint Letter of Intent) के अंतर्गत की जाएगी। भविष्य में शिक्षण सामग्री का गेमीफिकेशन भी भाषिणी प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जा सकता है।

AIM के स्टार्टअप्स और अन्य हितधारकों को बहुभाषी उत्पाद विकास को समर्थन देने के लिए भाषिणी के टूल्स और सैंडबॉक्स वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा।

इस साझेदारी के माध्यम से AIM और भाषिणी संयुक्त रूप से जमीनी स्तर के नवाचारियों को सशक्त बनाने के लिए कई पहल करेंगे। AIM के अंतर्गत पहले से कार्यरत अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स (AICs), अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर्स (ACICs) और नए भाषा समावेशी नवाचार कार्यक्रम (LIPI) केंद्रों में भी भाषिणी प्लेटफॉर्म का उपयोग कर कौशल विकास और क्षमता निर्माण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

इस अवसर पर AIM के मिशन निदेशक दीपक बगला ने कहा,
“यह साझेदारी समावेशी नवाचार को बढ़ावा देने के हमारे व्यापक लक्ष्य को समर्थन देती है। AIM की पहलों के साथ भाषा तकनीकों को एकीकृत कर हम नवाचार की पहुंच को भारत के हर कोने तक ले जाने की दिशा में एक ठोस कदम उठा रहे हैं।”

भाषिणी के CEO अमिताभ नाग ने कहा,
“भाषा कभी भी नवाचार में बाधा नहीं बननी चाहिए। AIM के साथ इस साझेदारी के माध्यम से हमारा उद्देश्य है कि हर भारतीय नवाचारी को - चाहे उसकी भाषा कोई भी हो - वह सभी डिजिटल और उद्यमशील क्रांति में पूरी तरह से भाग ले सके। भाषिणी की तकनीकें संचार की खाई को पाटने और समावेशी विकास के नए रास्ते खोलने में मदद करेंगी।”

यह साझेदारी नवाचार संसाधनों को अधिक सुलभ और समावेशी बनाने की संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो भारत के डिजिटल सशक्तिकरण के व्यापक लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगी।