पूर्वोत्तर क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स और अवसंरचना सुधार हेतु उच्च स्तरीय टास्क फोर्स बैठक
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लॉजिस्टिक्स लागत घटाने और कनेक्टिविटी सुधार पर जोर
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और जलवायु-लचीले बुनियादी ढांचे को बढ़ावा
केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (DoNER) मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने बुधवार (6 अगस्त, 2025) को “पूर्वोत्तर क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स, बुनियादी ढांचा एवं कनेक्टिविटी” पर उच्च स्तरीय टास्क फोर्स (HLTF) की बैठक में भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने की। बैठक में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू, मिजोरम के लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रो. लालनिलावमा, सिक्किम के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री त्शेरिंग थेन्डुप भूटिया तथा DoNER मंत्रालय के अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में पूर्वोत्तर क्षेत्र में राजमार्ग, रेलवे, जलमार्ग, हवाई मार्ग, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में मौजूद महत्वपूर्ण खामियों पर चर्चा हुई। इन खामियों को दूर करने के लिए एक व्यापक इन्फ्रास्ट्रक्चर मास्टर प्लान तैयार करने का निर्णय लिया गया, जिसे सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के परामर्श से विकसित किया जाएगा।
मुख्य चर्चा बिंदुओं में राज्य-विशिष्ट चुनौतियों की पहचान, प्राथमिकता वाले बुनियादी ढांचा आवश्यकताएं, राज्य बजट और राष्ट्रीय निवेश का एकीकरण, और विकसित NER @ 2047 के लिए कार्यान्वयन रोडमैप शामिल रहे।
असम के मुख्यमंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार बताते हुए 2014 से अब तक बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि माल परिवहन की उच्च लागत अभी भी एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (KMMTTP) की प्रगति का उल्लेख किया, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र को म्यांमार के सिट्टवे पोर्ट से जोड़ेगा।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विस्तृत भू-भाग और कम आबादी के कारण कई गांव अब भी सड़क संपर्क से वंचित हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) और अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से इन गांवों को जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने होलोंगी हवाई अड्डे की उड़ानों की संख्या और ऑपरेटर बढ़ाने, तथा नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (NEC) को नीति आयोग की तरह एक थिंक टैंक बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
मिजोरम के मंत्री ने उच्च लॉजिस्टिक्स लागत को राज्य के उत्पादों की प्रतिस्पर्धा के लिए बाधक बताया, क्योंकि इससे कीमतें 20% से अधिक बढ़ जाती हैं। उन्होंने डिजिटल कनेक्टिविटी सुधारने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सिक्किम के मंत्री ने NH-10 के लिए एक वैकल्पिक सड़क बनाने का सुझाव दिया, क्योंकि यह मार्ग हर वर्ष भारी वर्षा और भूस्खलन से प्रभावित होता है। उन्होंने जलवायु-लचीला बुनियादी ढांचा और नेपाल के साथ व्यापार को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई।
केंद्रीय DoNER मंत्री ने बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी अंतराल को पाटने के लिए पाँच सुझाव दिए:
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क्षेत्रीय मास्टर प्लान बनाकर NER इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रिड का एकीकरण।
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प्राथमिकता परियोजनाओं की निगरानी व्यवस्था।
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मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क हेतु नीतिगत प्रोत्साहन।
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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार बढ़ाने के लिए सीमा-पार कनेक्टिविटी में सुधार।
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डिजिटल कनेक्टिविटी और बिजली प्रसारण अवसंरचना को बढ़ावा।
उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर दर्ज किया जाए और राज्य अपनी लॉजिस्टिक्स नीति को सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप अद्यतन करें। परिवहन गलियारों के साथ औद्योगिक क्लस्टर विकसित कर क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति दी जा सकती है।
इस वर्ष की शुरुआत में केंद्र ने आठ उच्च स्तरीय टास्क फोर्स गठित किए, प्रत्येक का नेतृत्व एक पूर्वोत्तर राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा किया जा रहा है, जिनमें DoNER मंत्री और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री सदस्य हैं। ये टास्क फोर्स खेल, आर्थिक कॉरिडोर, निवेश, हस्तशिल्प, पर्यटन, अवसंरचना व लॉजिस्टिक्स लागत, कृषि-उद्यानिकी, तथा डेयरी, अंडा, मछली व मांस उत्पादन में आत्मनिर्भरता जैसे विषयों पर कार्य कर रहे हैं।