Dharmendra Death | आप देख पाएँगे धर्मेंद्र की आखिरी फ़िल्म: जल्द होगी रिलीज़
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धर्मेंद्र के निधन से फिल्म जगत में शोक.
65 साल के शानदार फिल्मी करियर की विरासत.
अंतिम फिल्म ‘इक्कीस’ जल्द होगी रिलीज.
Mumbai / मुंबई से आई यह खबर सिर्फ एक सूचना नहीं, बल्कि एक भावनात्मक सदमा है। भारतीय सिनेमा के सबसे प्रिय कलाकारों में शामिल धर्मेंद्र अब इस दुनिया में नहीं रहे। 89 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली और उनके जाने से पर्दे, यादें और चाहने वालों की भावनाएं एक साथ मौन हो गईं।
अस्पताल से घर और फिर अंत की ओर
बीते कई महीनों से धर्मेंद्र स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें 31 अक्टूबर 2025 को सांस लेने में दिक्कत के बाद मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने इलाज किया, कई टेस्ट हुए और परिवार उम्मीद में था कि वह ठीक होकर फिर मुस्कुराते हुए दुनिया के सामने आएंगे।
लेकिन 10 नवंबर को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और परिवार ने उन्हें घर लाने का फैसला किया, ताकि जीवन के आखिरी पल वे अपनों के बीच रह सकें। आखिरकार, आज परिवार, डॉक्टरों और भगवान की कृपा की उम्मीदों के बावजूद धर्मेंद्र ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
एक सामान्य लड़के से बॉलीवुड के ही-मैन तक का सफर
धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के नसरानी गांव में हुआ था। साधारण परिवार, सामान्य सपने — लेकिन दिल में बड़ा जुनून। उनका असली नाम धर्मेंद्र केवल कृष्ण देओल था।
1960 में फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे से शुरुआत हुई। धीरे-धीरे उनके अभिनय, व्यक्तित्व और संवाद शैली ने दर्शकों के दिल जीत लिए।
60 और 70 का दशक उनका था — रोमांस, एक्शन, कॉमेडी और ड्रामा… हर शैली में उन्होंने राजा बनने जैसा कमाल किया।
अमिट कलाकृतियां और यादगार किरदार
उनकी फिल्मों की लिस्ट सिर्फ सफल फिल्मों की सूची नहीं बल्कि भारतीय सिनेमा की धरोहर है:
शोले
चुपके चुपके
धरम वीर
यादों की बारात
सीता और गीता
मेरा गांव मेरा देश
उनके अंदाज़, मुस्कान और संवाद ने उन्हें सिर्फ "ही-मैन ऑफ बॉलीवुड" ही नहीं बल्कि भारत की लोकप्रिय संस्कृति का स्थायी हिस्सा बना दिया।
शख्सियत जो जितनी बड़ी थी, उतनी ही सरल भी थी
धर्मेंद्र सिर्फ पर्दे के हीरो नहीं थे, वे निजी जीवन में भी बेहद विनम्र और सादगी से भरे इंसान थे। परिवार, रिश्ते और प्यार — ये सब उनके व्यक्तित्व के केंद्र में रहे।
उनके करीबियों का कहना था कि स्टारडम कभी उन पर हावी नहीं हुआ, बल्कि इंसानियत हमेशा उनके भीतर सबसे बड़ी जगह लिए रही।
आखिरी फिल्म अभी बाकी…
उनकी अंतिम फिल्म इक्कीस जल्द ही रिलीज होने वाली है। इस फिल्म में वे 1971 के युद्धनायक अरुण खेत्रपाल के पिता की भूमिका में नजर आएंगे।
यानी पर्दे पर उनका अंतिम दृश्य भी भावनाओं से भरा होगा— जैसे उनकी पूरी जिंदगी रही।
एक युग का अंत
धर्मेंद्र अब भले इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन यादें, संवाद, दृश्य और उनका मानवीय व्यक्तित्व हमेशा जीवित रहेगा।
कुछ लोग शरीर से जाते हैं, पर आत्मा यादों में रह जाती है — धर्मेंद्र उन ही दुर्लभ लोगों में से एक हैं।
उनकी आत्मा को शांति मिले।
ओम् शांति।