भारत मौसम अलर्ट: दक्षिण भारत में भारी बारिश, महाराष्ट्र-ओडिशा हाई अलर्ट, उत्तर भारत से मानसून विदाई

Fri 26-Sep-2025,05:10 PM IST +05:30

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भारत मौसम अलर्ट: दक्षिण भारत में भारी बारिश, महाराष्ट्र-ओडिशा हाई अलर्ट, उत्तर भारत से मानसून विदाई India weather update 2025
  • सीलमपुर में 15 वर्षीय करुण की हत्या से सनसनी।

  • 13 वर्षीय नाबालिग आरोपी हत्या मामले में गिरफ्तार।

  • दिल्ली में नाबालिग अपराधों पर बढ़ते सवाल।

Delhi / Delhi :

Delhi / भारत में इस समय मौसम का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों से मानसून विदाई ले चुका है, जबकि दक्षिण और पूर्वी भारत में अभी भी बारिश का दौर जारी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में बना लो-प्रेशर सिस्टम आने वाले दिनों में मौसम को और अधिक प्रभावित करेगा।

दक्षिण भारत में भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने आज महाराष्ट्र, ओडिशा, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश की चेतावनी जारी की है। केरल के तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पाथनमथिट्टा, अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की और एर्नाकुलम जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। तिरुवनंतपुरम और कन्याकुमारी में खराब मौसम के कारण स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।

हैदराबाद में भारी बारिश और खराब मौसम की वजह से तीन फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा। तेलंगाना के कई जिलों—आदिलाबाद, आसिफाबाद, मंचेरियल, निर्मल, पेद्दापल्ली, भूपालपल्ली, मुलुगु, भद्राद्री, महबूबाबाद, वारंगल और हनुमाकोंडा—में अगले दो दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में तबाही

महाराष्ट्र में मानसून अभी सक्रिय है और 5 अक्टूबर से पहले इसके विदा होने की संभावना नहीं है। मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल मई से अगस्त के बीच मूसलाधार बारिश और बाढ़ से लाखों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है। राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों की मदद के लिए 1,500 करोड़ रुपये की सहायता राशि आवंटित की है। 20 सितंबर से हुई बारिश में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है।

पूर्वी भारत में बारिश का कहर

ओडिशा में 18 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम की वजह से यहां 28 सितंबर तक लगातार बारिश की संभावना है। बिहार के 13 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। अगले दो दिनों तक रुक-रुक कर तेज बारिश होगी और हवाएं 40 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेंगी।

झारखंड में भी मौसम विभाग ने 26 सितंबर से 1 अक्टूबर तक कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी दी है। इस दौरान हवा की रफ्तार 30-40 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है।

उत्तर भारत से विदा लेता मानसून

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ से मानसून पूरी तरह विदा हो चुका है। राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में मानसून की आखिरी बारिश दर्ज हो रही है।

राजस्थान में बारिश थमने के बाद अब रात में ठंड बढ़ने लगी है। सिरोही और दौसा का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। नागौर और पाली में भी रात का तापमान 23 डिग्री से कम दर्ज किया गया है। वहीं जयपुर, गंगानगर और पिलानी में दिन का तापमान तेजी से बढ़ रहा है।

मध्यप्रदेश से अगले 48 घंटों में मानसून की विदाई तय मानी जा रही है। हालांकि, जाते-जाते इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और नर्मदापुरम में 28 और 29 सितंबर को तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में मौसमी बदलाव

छत्तीसगढ़ में अगले दो दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। दक्षिणी जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। रायपुर में बारिश के बीच महिलाएं छाता लेकर गरबा करती भी नजर आईं।

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों से मानसून विदा हो चुका है और शेष हिस्सों से भी जल्द ही विदाई हो जाएगी। बंगाल की खाड़ी की हलचल के कारण राज्य में 28 सितंबर तक हल्की बूंदाबांदी की संभावना है।

हिमाचल और पंजाब में मौसम साफ

हिमाचल प्रदेश में अगले 6 दिन मौसम साफ रहने का अनुमान है। मानसून की विदाई के बाद यहां तापमान बढ़ने लगा है। केलांग और कल्पा में अधिकतम तापमान में 5 डिग्री से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है।

पंजाब में भी मानसून पूरी तरह विदा हो गया है। अब यहां रात का तापमान थोड़ा कम हो रहा है, लेकिन दिन में गर्मी बढ़ रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार औसत से ज्यादा बारिश होने की वजह से ठंड समय से पहले दस्तक देगी।

निष्कर्ष

भारत में मौसमी बदलाव का दौर जारी है। जहां उत्तर भारत मानसून को अलविदा कह रहा है, वहीं दक्षिण और पूर्वी भारत अब भी भारी बारिश का सामना कर रहा है। बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम के कारण आने वाले दिनों में मौसम और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। किसानों, छात्रों और यात्रियों के लिए यह अलर्ट बेहद अहम है, क्योंकि बारिश की मार सीधे उनके जीवन पर असर डाल रही है।