Patna Cold Wave Alert | पटना में बढ़ती ठंड और शीतलहर: प्रशासन सतर्क, जनता से दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील
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पटना में ठंड और शीतलहर का बढ़ता असर.
रैन बसेरे, अलाव और हेल्पलाइन की व्यवस्था.
प्रशासन ने एडवायजरी का पालन करने की अपील.
Patna / राजधानी पटना में ठंड लगातार बढ़ती जा रही है और न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। ठंड और शीतलहर के इस दौर में आम लोगों, खासकर जरूरतमंदों, बुजुर्गों, बच्चों और बेघर लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क, सक्रिय और प्रतिबद्ध नजर आ रहा है। जिला प्रशासन, पटना ने आम जनता से अपील की है कि वे ठंड से बचाव के लिए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और एडवायजरी का पालन करें, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।
प्रशासन की ओर से बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था की गई है, जहां कंबल, बिस्तर और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जरूरतमंद लोगों से इन रैन बसेरों का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की गई है। इसके साथ ही अत्यधिक ठंड वाले दिनों में विभिन्न सामुदायिक केंद्रों और चिन्हित स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है, ताकि लोग ठंड से राहत पा सकें। प्रशासन ने पशुपालकों से भी अपील की है कि वे अपने पशुओं को ठंड से बचाने के लिए उचित इंतजाम करें और यदि पशु ठंड के कारण बीमार पड़ते हैं तो नजदीकी पशु अस्पताल या पशु चिकित्सक से परामर्श लें।
जिला प्रशासन ने ठंड के मौसम में कोयले की अंगीठी, मिट्टी तेल के चूल्हे या हीटर का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। बंद कमरे में इनका प्रयोग करते समय उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करने को कहा गया है, ताकि जहरीले धुएं से जान-माल का नुकसान न हो। लोगों से मौसम विभाग, समाचार पत्र, रेडियो, टेलीविजन और मोबाइल के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहने की भी अपील की गई है।
स्वास्थ्य को लेकर भी प्रशासन ने सतर्कता बरतने पर जोर दिया है। उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मधुमेह से पीड़ित लोगों को चिकित्सक की सलाह के अनुसार अपनी आपातकालीन मेडिकल किट तैयार रखने की सलाह दी गई है। ठंड के दौरान शीतदंश के लक्षण जैसे हाथ-पैर की उंगलियों, कानों और नाक पर सफेद या पीले धब्बे दिखने पर तुरंत सतर्क होने को कहा गया है। इसके अलावा ठंड के मौसम में धुंध और वायु प्रदूषण बढ़ने से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, ऐसे में अस्थमा और सांस के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
प्रशासन ने हाइपोथर्मिया के लक्षणों जैसे अत्यधिक ठिठुरन, सुस्ती, याददाश्त कमजोर होना, तुतलाना और व्यवहार में असामान्यता को गंभीरता से लेने की सलाह दी है। लोगों से अपनी क्षमता से अधिक शारीरिक श्रम न करने की भी अपील की गई है, क्योंकि इससे हृदयाघात का खतरा बढ़ सकता है। शीतलहर के दौरान अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचने और अत्यंत आवश्यक होने पर ही पूरी तरह गर्म कपड़े पहनकर बाहर जाने की सलाह दी गई है।
घने कोहरे में वाहन चलाते समय हेडलाइट को लो बीम पर रखने, फॉग लाइट और इंडिकेटर का सही उपयोग करने की भी अपील की गई है। बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों का विशेष ध्यान रखने, उन्हें पर्याप्त गर्म कपड़े पहनाने और पौष्टिक आहार व गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने कहा है कि थोड़ी-सी सावधानी अपनाकर ठंड के इस मौसम में अपने और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। जरूरत पड़ने पर जिला आपातकालीन संचालन केंद्र, आपदा प्रबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर और स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन पर संपर्क किया जा सकता है।
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