ईरान-इजराइल युद्ध: ड्रोन और मिसाइल हमलों से मचा हड़कंप, कमांडर और वैज्ञानिकों की मौत
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इजराइल के हवाई हमले में ईरानी कमांडर और वैज्ञानिक मारे गए।
ईरान ने 100+ ड्रोन से दिया जवाबी हमला।
इजराइल ने अस्पतालों को अंडरग्राउंड मोड पर भेजा।
Iran / ईरान ने इजराइल पर बड़ा जवाबी हमला करते हुए 100 से अधिक ड्रोन दागे हैं। ये ड्रोन फिलहाल इराक और जॉर्डन के एयरस्पेस में हैं और अगले 1 से 2 घंटे में इजराइल की सीमा में पहुंच सकते हैं। इस खतरे को देखते हुए जॉर्डन की राजधानी अम्मान में सायरन बजने शुरू हो गए हैं।
इजराइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने आशंका जताई है कि ईरान जल्द ही एक बड़ा मिसाइल हमला भी कर सकता है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब आज सुबह इजराइल ने 200 फाइटर जेट्स के जरिए ईरान पर हमला किया था। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इस हमले में तेहरान के आसपास 6 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें 4 परमाणु ठिकाने भी शामिल हैं।
ईरान की सरकारी मीडिया ने पुष्टि की है कि इस हमले में इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी मारे गए। अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरांची और फरदून अब्बासी भी मारे गए हैं। इजराइल का दावा है कि ईरानी आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी इस हमले में मारे गए हैं।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई ने चेतावनी दी है कि इजराइल को इसकी कड़ी सजा मिलेगी। इजराइली विदेश मंत्री गिदोन सार ने हमले को एक मजबूरी में लिया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा कि ईरान लगातार परमाणु नियमों का उल्लंघन कर रहा था और रुकने को तैयार नहीं था। IAEA की रिपोर्टों में भी गंभीर उल्लंघनों की बात कही गई थी, जिससे यह हमला अपरिहार्य हो गया।
टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, यह हमला पहले से प्लान किया गया था। इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद और सेना ने मिलकर ईरान के अंदर एक गुप्त ड्रोन बेस बनाया, जहां हथियार पहुंचाए गए। इन हथियारों से ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय किया गया, जिससे इजराइली लड़ाकू विमान बिना किसी रुकावट के हमला कर सके।
ईरान के जवाबी हमले को देखते हुए इजराइल ने सभी अस्पतालों को अंडरग्राउंड सेंटर्स में शिफ्ट कर दिया है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे बेहद जरूरी स्थिति में ही अस्पताल जाएं और बाकी समय घरों में ही रहें।