किसानों को 4% ब्याज पर ऋण: मोदी कैबिनेट ने संशोधित ब्याज छूट योजना को दी मंजूरी

Wed 28-May-2025,09:29 PM IST +05:30

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किसानों को 4% ब्याज पर ऋण: मोदी कैबिनेट ने संशोधित ब्याज छूट योजना को दी मंजूरी मोदी सरकार ने 2025-26 के लिए ब्याज छूट योजना को मंजूरी दी, किसानों को 3 लाख तक ऋण पर 4% ब्याज दर का लाभ मिलेगा।
  • किसान क्रेडिट कार्ड पर ₹3 लाख तक 7% की रियायती ब्याज दर।

  • समय पर भुगतान पर 3% अतिरिक्त प्रोत्साहन, प्रभावी ब्याज दर 4%।

  • कृषि ऋण में पारदर्शिता व डिजिटल सुधारों के साथ संस्थागत समर्थन।

Delhi / New Delhi :

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज छूट योजना (Modified Interest Subvention Scheme - MISS) के अंतर्गत ब्याज छूट (Interest Subvention - IS) घटक को जारी रखने की मंजूरी दे दी है। यह निर्णय किसानों को सस्ती दरों पर अल्पकालिक ऋण उपलब्ध कराने और कृषि क्षेत्र में संस्थागत ऋण के प्रवाह को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। संशोधित ब्याज छूट योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसके तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण 7 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर दिए जाते हैं। इस पर पात्र ऋण संस्थाओं को 1.5 प्रतिशत ब्याज छूट सरकार द्वारा दी जाती है।

इसके अतिरिक्त, जो किसान समय पर ऋण चुकाते हैं, उन्हें शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (Prompt Repayment Incentive - PRI) के रूप में 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलती है, जिससे प्रभावी ब्याज दर 4 प्रतिशत रह जाती है। मत्स्य पालन और पशुपालन से संबंधित ऋणों के लिए यह ब्याज लाभ 2 लाख रुपये तक लागू किया गया है। योजना की अन्य शर्तों और संरचना में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

देशभर में इस समय 7.75 करोड़ से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) धारक हैं। ऐसे में इस सहायता को जारी रखना न केवल कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने में सहायक है, बल्कि छोटे और सीमांत किसानों के लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभाता है। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

वर्ष 2014 में संस्थागत कृषि ऋण वितरण 4.26 लाख करोड़ रुपये था, जो दिसंबर 2024 तक बढ़कर 10.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसी तरह समग्र कृषि ऋण प्रवाह भी वित्त वर्ष 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 25.49 लाख करोड़ रुपये हो गया है। अगस्त 2023 में लॉन्च किए गए किसान ऋण पोर्टल (Kisan Rin Portal - KRP) जैसे डिजिटल सुधारों ने ऋण प्रक्रिया में पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बढ़ाया है।

वर्तमान में औसत एमसीएलआर (Marginal Cost of Funds based Lending Rate) और रेपो रेट में बदलाव को देखते हुए, सरकार का मानना है कि ग्रामीण और सहकारी बैंकों को सहयोग देने और किसानों के लिए सस्ते ऋण की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु ब्याज छूट की दर को 1.5 प्रतिशत पर बनाए रखना आवश्यक है।

यह निर्णय किसानों की आय दोगुनी करने, ग्रामीण ऋण प्रणाली को सुदृढ़ करने और कृषि क्षेत्र के विकास में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। समय पर और सस्ती ऋण उपलब्धता किसानों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक होगी और भारत को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को गति प्रदान करेगी।