MP सरकार ने 2025-26 में लिया 3500 करोड़ कर्ज, कुल ऋण 53,100 करोड़ के पार
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मध्य प्रदेश सरकार ने 2025-26 में आरबीआई के माध्यम से 3,500 करोड़ रुपये का नया कर्ज तीन चरणों में लिया।
सरकार ने कर्ज लेने के साथ रेवेन्यू सरप्लस का हवाला दिया, वित्तीय स्थिति को संतुलित और नियंत्रित बताया।
Madhya Pradesh/ मध्य प्रदेश सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में एक बार फिर बाजार से बड़ा कर्ज उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से प्रदेश सरकार ने कुल 3,500 करोड़ रुपये का नया ऋण तीन अलग-अलग किस्तों में लिया है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष में राज्य सरकार द्वारा लिया गया कुल कर्ज बढ़कर 53,100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
राज्य सरकार के अनुसार यह ऋण तीन अलग-अलग अवधियों के लिए लिया गया है। पहली किस्त के रूप में 1,200 करोड़ रुपये का कर्ज पांच साल की अवधि के लिए लिया गया है, जिसकी अदायगी 31 दिसंबर 2030 तक की जाएगी। इस राशि का उपयोग सिंचाई परियोजनाओं, कृषि विकास, बिजली उत्पादन और सामुदायिक विकास कार्यों में किया जाएगा। दूसरी किस्त में 1,200 करोड़ रुपये का ऋण 11 वर्षों के लिए लिया गया है, जिसे 31 दिसंबर 2036 तक चुकाया जाएगा। वहीं तीसरी किस्त के रूप में 1,100 करोड़ रुपये का दीर्घकालिक ऋण 23 वर्षों की अवधि के लिए लिया गया है।
प्रदेश सरकार का कहना है कि राज्य की वित्तीय स्थिति मजबूत और संतुलित बनी हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार को 12,487.78 करोड़ रुपये का रेवेन्यू सरप्लस प्राप्त हुआ था। इसके अलावा 2024-25 के संशोधित आंकड़ों में भी सरकार को 1,025.91 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष मिला है।
वित्त विभाग का दावा है कि सरकार द्वारा लिया गया यह ऋण केंद्र सरकार द्वारा तय की गई कर्ज सीमा के भीतर है। सरकार का तर्क है कि विकास योजनाओं, बुनियादी ढांचे और कृषि क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण लेना आवश्यक है, और इसे सुनियोजित तरीके से प्रबंधित किया जा रहा है।