एयर ट्रैफिक में बढ़ती तकनीकी गड़बड़ियां: यात्रियों की सुरक्षा बनी चिंता का विषय

Tue 17-Jun-2025,12:11 PM IST +05:30

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एयर ट्रैफिक में बढ़ती तकनीकी गड़बड़ियां: यात्रियों की सुरक्षा बनी चिंता का विषय लगातार बढ़ती तकनीकी खराबियों और सुरक्षा खतरों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
  • एयर इंडिया और ब्रिटिश एयरवेज की उड़ानों में तकनीकी गड़बड़ी।

  • फ्लाइट AI180 को कोलकाता में इमरजेंसी रोकना पड़ा।

  • लुफ्थांसा फ्लाइट को बम की धमकी के बाद किया गया यू-टर्न।

West Bengal / Kolkata :

Kolkata / हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के दौरान तकनीकी समस्याओं की घटनाओं में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। मंगलवार को सैन फ्रांसिस्को से मुंबई जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI180 को कोलकाता एयरपोर्ट पर तकनीकी खराबी के चलते रोकना पड़ा। फ्लाइट निर्धारित समय 00:45 बजे कोलकाता पहुंची, लेकिन बाएं इंजन में खराबी के कारण सुबह 5:20 बजे यात्रियों को विमान से उतार दिया गया। एयर इंडिया ने सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाया।

यह घटना ऐसे समय में हुई जब पिछले सप्ताह एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के तुरंत बाद बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकरा गई थी। इस भयावह दुर्घटना में 242 में से 241 लोग मारे गए थे, केवल एक ब्रिटिश नागरिक ही बच पाया।

इसी तरह, हांगकांग से दिल्ली जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI315 को उड़ान के बीच में ही तकनीकी समस्या के संदेह में वापस लौटना पड़ा। यह फ्लाइट बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर द्वारा संचालित थी, जो भारत में एयर इंडिया का एक प्रमुख विमान मॉडल है।

रविवार को भी लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से चेन्नई के लिए उड़ान भरने वाली ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट BA35 को फ्लैप सिस्टम में खराबी के कारण हवा में ईंधन गिराकर आपात स्थिति में वापसी करनी पड़ी। इसके अलावा, लुफ्थांसा की हैदराबाद जाने वाली फ्लाइट LH752 को भी बम की धमकी के चलते फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट वापस लौटना पड़ा।

इन घटनाओं की पृष्ठभूमि में सऊदी अरब से लखनऊ पहुंचे विमान के पहियों से धुआं निकलने की घटना भी सामने आई, हालांकि समय रहते विमान को सुरक्षित रोक लिया गया और यात्रियों को सकुशल उतार लिया गया।

लगातार हो रही तकनीकी गड़बड़ियों से यह स्पष्ट होता है कि विमानन क्षेत्र में सुरक्षा उपायों की पुनर्समीक्षा की आवश्यकता है, ताकि यात्रियों का भरोसा और जान दोनों सुरक्षित रह सकें।