डॉ. राजेश मून ने म्यूजिक हॉस्पिटल की अवधारणा विकसित करके सबको चौकाया

Wed 18-Jun-2025,11:27 AM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

डॉ. राजेश मून ने म्यूजिक हॉस्पिटल की अवधारणा विकसित करके सबको चौकाया डॉ. राजेश मून ने म्यूजिक हॉस्पिटल की अवधारणा विकसित करके सबको चौकाया
  • डॉ. मून द्वारा संगीत आधारित मस्तिष्क उपचार की अवधारणा|        

  • 17 वर्षों के शोध के आधार पर म्यूजिक हॉस्पिटल की रचना|      

  • विज्ञान और समाज विज्ञान का अभिनव समन्वय|   ​

Maharashtra / Wardha :

Wardha / महाराष्ट्र के वर्धा जिले में निवास करने वाले डॉ. राजेश मून जैसे साधारण शोधार्थी ने अपने 17 वर्ष के शोध के दौरान विज्ञान को चुनौती देते हुए एक नई खोज की हैं| जिसमें आवाज (साउंड) के तरंगो से मन मष्तिष्क को नियंत्रित करने वाले यंत्र को विकसित करने के क्रम में सैद्धांतिकी निर्माण का कार्य किया है| अपने शोध के माध्यम से डॉ. मून इस निष्कर्ष पर पहुंचे है कि म्यूजिक और संगीत सभी के जीवन से जुडा हुआ है| जब कोई इंसान खुश रहे या दुख में रहे, वे अपनी संवेदना गीतों के माध्यम से जोड़ता है| गीत सुनने और विशेष म्यूजिक के प्रभाव में रिलैक्स महसूस करता है| अगर विज्ञान इस प्रवृत्ति पर विचार करें तो मानव मष्तिष्क के ध्वनि तरंगो को नियंत्रित करते हुए बड़ी सी बड़ी बिमारी को नियंत्रित कर सकता है| अपनी अवधारणा को विकसित करने में डॉ. मून ने  न्यूटन ,एडिसन अल्वा और आइन्स्टाइन के सिद्धांतो का अध्ययन किया है| ग्राहम बेल और मार्कोनी ने जिस साउंड को लेकर कार्य किया| उसी सिद्धांतो को आगे बढाते हुए साउंड से चिकित्सा पद्धति विकसित करने की योजना के रूप में 17 वर्षों के अथक प्रयास में म्यूजिक हॉस्पिटल की संकल्पना दी |

अमूमन देखा गया है कि विश्व के सभी देशो में सभी प्राणियों (मनुष्य) का परंपरागत संगीत और  प्राकृतिक संगीत से जुड़ाव है| लेकिन अभी तक चिकित्सा पद्धति में संगीत को स्वीकार्यता नहीं है| MBBS जैसे पाठ्क्रम में भी संगीत को जरुरी जगह नहीं दी गई है| इसका नुकसान यह हुआ कि बौद्धिक विकास में व्यक्ति के विचारों को महत्त्व न देते हुए उसके पारिवारिक कार्यों को आधार दिया गया| एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति होने के बावजूद इंसानों में एक नई- नई विकृति का जन्म होता रहा है| जिससे उनके जीवन में तनाव महसूस होता है| इस तनाव को कम करने में म्यूजिक हॉस्पिटल मददगार होगा| अपने 17 वर्षों के अथक प्रयास में हॉस्पिटल की संरचना, और म्यूजिक के सामानांतर इलाज की पद्धति को विकसित करने पर विशेष शोध कार्य जारी है| बतौर सोशल साइंटिस्ट समाज की समस्या को समझने में म्यूजिक की आवश्यकता पर डॉ. मून ने विशेष कार्य किया है| महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय से एम.ए., एम. फिल., पी-एच.डी की शिक्षा पूर्ण करने के दौरान भाषा के महत्त्व और उसकी आम जनता के पहुँच में लाने के प्रयास से उन्होंने यह म्यूजिक हॉस्पिटल की सोच बनाई| शोध के दौरान प्रो. ऋषभ जैन , प्रो. महेंद्र कुमार पाण्डेय , प्रो. कौल, प्रो. सी. अन्नपूर्णा और डॉ. अनवर सिद्धिकी का विशेष मार्गदर्शन रहा|                          

विज्ञान और सामाजिक विज्ञान को मिलाकर मानव जीवन बेहतर बनना चाहिए, चूँकि भारत में समाज विज्ञान और विज्ञान अपने-अपने क्षेत्र तक सीमित है| ऐसे में डॉ. मून ने सैद्धांतिकी विकसित करने की सोच बनाने के अलावा अपने फ्लो चार्ट में तकनीक और मशीन का सचित्र वर्णन किया है| अपने फेलोशिप के पैसे से जितना खोज किया जा सकता है और पढ़ाई किया जा सकता है उस आधार पर उन्होंने यह कार्य किया है| डॉ. मून की माने तो 65 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है| आर्थिक समस्या के चलते अपने शोध को गति नही दे पा रहे है| आर्थिक सहायता मिलने पर दुगुनी गति से कार्य करना चाहते है| साथ ही भारत सरकार के लिए एक पूर्ण योजना निःशुल्क डोनेट करना चाहते है| समाज के लिए एक अनोखे और तार्किक तरीके से निर्मित म्यूजिक हॉस्पिटल मिलने में समाज से सहयोग भी चाहते है| म्यूजिक हॉस्पिटल की संकल्पना को समझने के लिए इनके व्यक्तिगत नंबर 7448048836 पर संपर्क कर सकते हैं| या फिर मेल आई डी – [email protected] से जुड़ सकते हैं|