राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जनजातीय गौरव दिवस पर संबोधन, भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर विकास और विरासत का संदेश
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President Droupadi Murmu CG Visit Photo
नवा रायपुर में वीर नारायण सिंह स्मारक और जनजातीय संग्रहालय का लोकार्पण महत्वपूर्ण उपलब्धि।
बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख प्रतिभागियों को प्रदेश की नई आशा और ऊर्जा का प्रतीक बताया।
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय परंपराओं और योगदान का सम्मान।
आदि कर्मयोगी अभियान’ के तहत 20 लाख स्वयंसेवकों के निर्माण को बड़ी पहल बताया।
Ambikapur / राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती से जुड़े भव्य समारोह में हिस्सा लेते हुए जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं और उनके योगदान को राष्ट्र निर्माण का अभिन्न आधार बताया। राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्ष की विकास यात्रा और राज्य में लगभग एक-तिहाई जनजातीय जनसंख्या देश के विकास की पूरक शक्ति है। 1 से 15 नवंबर तक छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनजातीय गौरव पखवाड़ा बड़े स्तर पर मनाया गया, जिसकी उन्होंने सराहना की। राष्ट्रपति ने नवा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक और जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय के लोकार्पण को जनजातीय समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के तहत देशभर में 20 लाख से अधिक स्वयंसेवकों के निर्माण को बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि आने वाले वर्षों में ये स्वयंसेवक जनजातीय विकास की नींव मजबूत करेंगे। उन्होंने जनजातीय महिलाओं की प्रगति का उदाहरण देते हुए भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य और जनजातीय समाज की बेटी क्रांति गौड़ की उपलब्धि को विशेष रूप से सराहा। उन्होंने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में लेफ्ट विंग एक्स्ट्रीमिज़्म का अंत निकट है, क्योंकि ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के लोग विकास की मुख्यधारा से तेजी से जुड़ रहे हैं। राष्ट्रपति ने बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख प्रतिभागियों की भागीदारी को प्रदेश की उभरती ऊर्जा और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बताया।
कार्यक्रम के समापन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जैसे महानायकों के आदर्शों से प्रेरित होकर जनजातीय समाज एक सशक्त और विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।