भारत को लोकतंत्र की जननी माना गया है, जबकि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का जनक है: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Wed 11-Jun-2025,12:10 AM IST +05:30

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भारत को लोकतंत्र की जननी माना गया है, जबकि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का जनक है: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद पर राजनाथ सिंह का संदेश – भारत की बदलती रणनीति की गूंज
  • ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक जवाबी कार्रवाई।

  • आत्मनिर्भर भारत: रक्षा उत्पादों में घरेलू निर्माण और निर्यात में वृद्धि।

  • सूचना युद्ध: डिजिटल युग में नागरिकों की भूमिका और साइबर सुरक्षा की अहमियत।

Uttarakhand / Dehradun :

Uttrakhand / 10 जून 2025 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद’ विषय पर आयोजित संवाद में भारत की बदलती सुरक्षा नीति की गूंज को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में भारत ने सुरक्षा से जुड़े दृष्टिकोण में क्रांतिकारी बदलाव किया है और ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण है।

इस अभियान का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि यह भारतीय इतिहास में आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई थी, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर किए गए हमले के प्रतिशोध में की गई। उन्होंने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर जवाबी हमला किया और दुनिया को भारत की नई सुरक्षा नीति का परिचय दिया।

राजनाथ सिंह ने बताया कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में विकास का नया युग शुरू हुआ है। पाकिस्तान इस बदलाव को स्वीकार नहीं कर पाया और पहलगाम हमले जैसे कायराना प्रयास करता रहा, लेकिन उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक जैसे प्रोजेक्ट्स भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति के प्रतीक हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि एक दिन पीओके खुद कहेगा – “मैं भी भारत हूं।”

आतंकवाद को मानवता के विरुद्ध सबसे बड़ा खतरा बताते हुए उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सुरक्षा का ही नहीं बल्कि नैतिक मूल्यों की रक्षा का भी प्रश्न है। आतंकवाद को धर्म, विचारधारा या राजनीति के नाम पर किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने पाकिस्तान की भूमिका पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वह आतंकवादियों की शरणस्थली बन गया है, और उसे मिलने वाली विदेशी फंडिंग पर रोक लगाई जानी चाहिए क्योंकि यह सहायता आतंकवाद के लिए ईंधन का काम करती है।

उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को चेताया कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर आतंकवाद विरोधी भूमिका देना गंभीर चिंता का विषय है। जिस देश ने 9/11 हमलों के साजिशकर्ता को पनाह दी, वहां के नेता खुलेआम आतंकवादियों के जनाज़ों में शामिल होते हैं, उससे वैश्विक नेतृत्व की उम्मीद एक त्रुटि है।

राजनाथ सिंह ने भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में हुए सुधारों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल हुए कई हथियार स्वदेशी थे। आज भारत अपने युद्धपोत, मिसाइलें, टैंक स्वयं बना रहा है। रक्षा उत्पादन 2014 के 40,000 करोड़ रुपये से बढ़कर आज 1.30 लाख करोड़ रुपये पार कर गया है और निर्यात भी 686 करोड़ से 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

उन्होंने डिजिटल युग में सूचना युद्ध की चुनौती पर विशेष बल दिया और लोगों से ‘सामाजिक सैनिक’ बनने की अपील की। झूठी खबरों और अफवाहों को रोकने के लिए जागरूक नागरिकों की जरूरत को रेखांकित किया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा चलाई गई दुष्प्रचार मुहिम को रोकने में नागरिक सहभागिता की अहमियत पर जोर दिया।

अंत में उन्होंने मीडिया को देश की सुरक्षा का “प्रहरी” बताते हुए कहा कि पत्रकारिता को ‘सही’ होने को ‘तेज़’ होने पर प्राथमिकता देनी चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा सिर्फ़ सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि अब साइबर, डिजिटल और सामाजिक मंचों पर भी इसके मोर्चे सक्रिय हैं। पत्रकारिता न केवल सूचना का माध्यम है, बल्कि राष्ट्रीय चेतना की वाहक भी है।

इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।